Ganesh Visarjan 2021: गणेश विसर्जन डेट, शुभ मुहूर्त और जानें किस समय ना करें ये शुभ काम

Ganesh Visarjan 2021: गणेश विसर्जन डेट, शुभ मुहूर्त और जानें किस समय ना करें ये शुभ काम
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Ganesh Visarjan 2021: गणेश चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त में गणपति स्थापना करके उन्हें अनंत चतुर्दशी के दिन शुभ मुहूर्त में विसर्जन की परंपरा है। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार, मिट्टी से बने गणपति बप्पा की प्रतिमा की पूजा करना बहुत ही शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस तरह गणपति जी को घर लाने का शुभ मुहूर्त देखा जाता है, उसी तरह उनके विसर्जन का भी शुभ मुहूर्त जानना बेहद जरुरी होता है। ध्यान रखें कि, गणपति जी की विदाई, उनकी पूजा-अर्चना, भोग लगाकर और आरती करके ही शुभ मुहूर्त में करें। तो आइए जानते है गणपति विसर्जन का मुहूर्त और अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि के बारे में...

Ganesh Visarjan 2021: गणेश चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त में गणपति स्थापना करके उन्हें अनंत चतुर्दशी के दिन शुभ मुहूर्त में विसर्जन की परंपरा है। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार, मिट्टी से बने गणपति बप्पा की प्रतिमा की पूजा करना बहुत ही शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस तरह गणपति जी को घर लाने का शुभ मुहूर्त देखा जाता है, उसी तरह उनके विसर्जन का भी शुभ मुहूर्त जानना बेहद जरुरी होता है। ध्यान रखें कि, गणपति जी की विदाई, उनकी पूजा-अर्चना, भोग लगाकर और आरती करके ही शुभ मुहूर्त में करें। तो आइए जानते है गणपति विसर्जन का मुहूर्त और अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि के बारे में...

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गणपति विसर्जन शुभ मुहूर्त

गणपति विसर्जन की तिथि

19 सितंबर, दिन रविवार

गणेश विसर्जित शुभ मुहूर्त

सुबह 09:11 से दोपहर 12:21 बजे तक

दोपहर का मुहूर्त

दोपहर 01:56 से 03:32 तक

गणपति विसर्जन अभिजीत मुहूर्त

सुबह 11:50 से 12:39 तक

ब्रह्म मुहूर्त

सुबह 04:35 से 05:23 तक

अमृत काल

रात्रि 08:14 से 09:50 तक

राहुकाल का समय

19 सितंबर को शाम 04:30 से 6 बजे तक राहुकाल रहेगा।8 इस दौरान गणेश विसर्जन न करें।

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अनंत चतुर्दशी पूजा विधि

अनंत चतुर्दशी के दिन आप प्रात:काल स्नान करके निवृत्त हो जाएं और उसके बाद आप पूजा का संकल्प लें। पूजा संकल्प के बाद आप पूजा कलश की स्थापना करें और कलश पर अष्टदलकमल की तरह बने बर्तन में अनंत की स्थापना के बाद एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंग लें। उसके बाद अनंत सूत्र तैयार करें। इस धागे में 14 गांठ लगा लें और भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखकर भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की विधिवत पूजा करें। इसके बाद भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। भगवान को मिष्ठान का भोग लगाएं। तथा अनंत भगवान का ध्यान करते हुए सूत्र धारण करें।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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