Ganesh Visarjan 2021: गणेश विसर्जन के दौरान करें इन मंत्रों का जाप, मिलेगा बप्पा का आशीर्वाद

Ganesh Visarjan 2021: गणेश विसर्जन के दौरान करें इन मंत्रों का जाप, मिलेगा बप्पा का आशीर्वाद
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Ganesh Visarjan 2021: गणेश उत्सव का प्रारंभ 10 सितंबर 2021, दिन शुक्रवार से प्रारंभ हुआ था और अब अनंत चतुर्दशी के दिन यानी 19 सितंबर, दिन रविवार को गणेश विसर्जन के साथ ही बप्पा से अगले वर्ष जल्दी आने का वादा लेकर ही इस उत्सव का समापन हो जाएगा। गणेश उत्सव की लोगों में प्रत्येक वर्ष ही बड़ी धूम रहती है और सभी लोग अपनी सामर्थ्य के अनुसार, इस उत्सव की तैयारियां भी करते हैं, लेकिन कई बार उत्सव को मनाने की धूमधाम में गणपति जी के उचित मंत्रों का जप नहीं कर पाते हैं, अगर आपने भी प्रतिदिन गणेश उत्सव के दौरान अपनी राशि के अनुसार गणपति बप्पा के मंत्रों का जाप नहीं किया है तो आप गणपति विसर्जन करते समय बप्पा के मंत्रों का जप अपनी राशि के अनुसार ही करें, इससे आपको पूरे वर्ष गणपति बप्पा का आशीर्वाद मिलता रहेगा और गणेश उत्सव का पूर्ण फल मिलेगा। तो आइए जानते हैं गणेश विसर्जन के दौरान अपनी राशि के अनुसार, किन मंत्रों का जप करें, जिससे हमें बप्पा की कृपा मिलती रहें।

Ganesh Visarjan 2021: गणेश उत्सव का प्रारंभ 10 सितंबर 2021, दिन शुक्रवार से प्रारंभ हुआ था और अब अनंत चतुर्दशी के दिन यानी 19 सितंबर, दिन रविवार को गणेश विसर्जन के साथ ही बप्पा से अगले वर्ष जल्दी आने का वादा लेकर ही इस उत्सव का समापन हो जाएगा। गणेश उत्सव की लोगों में प्रत्येक वर्ष ही बड़ी धूम रहती है और सभी लोग अपनी सामर्थ्य के अनुसार, इस उत्सव की तैयारियां भी करते हैं, लेकिन कई बार उत्सव को मनाने की धूमधाम में गणपति जी के उचित मंत्रों का जप नहीं कर पाते हैं, अगर आपने भी प्रतिदिन गणेश उत्सव के दौरान अपनी राशि के अनुसार गणपति बप्पा के मंत्रों का जाप नहीं किया है तो आप गणपति विसर्जन करते समय बप्पा के मंत्रों का जप अपनी राशि के अनुसार ही करें, इससे आपको पूरे वर्ष गणपति बप्पा का आशीर्वाद मिलता रहेगा और गणेश उत्सव का पूर्ण फल मिलेगा। तो आइए जानते हैं गणेश विसर्जन के दौरान अपनी राशि के अनुसार, किन मंत्रों का जप करें, जिससे हमें बप्पा की कृपा मिलती रहें।

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मेष

ऊँ लम्बोदराय नम:।

वृषभ

ऊँ विघ्नेश्वराय नम:।

मिथुन

ऊँ गौरीपुत्राय नम:।

कर्क

ऊँ गजाननं नम:।

सिंह

ऊँ वक्रतुण्डाय नम:।

कन्या

ऊँ वरदमूर्ते नम:।

तुला

ऊँ विघ्नहर्ताय नम:।

वृश्चिक

ऊँ सिद्धिदाताय नम:।

धनु

ऊँ सुखकर्ता नम:।

मकर

ऊँ मंगलदाताय नम:

कुंभ

ऊँ सिद्धिवराय नम:।

मीन

ऊँ मोदकप्रियाय नम:।

शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि, भगवान गणपति जी रिद्धि-सिद्धि के स्वामी हैं और लोगों को सुख देने वाले देवता हैं, वे अपने भक्तों पर यूं ही प्रसन्न हो जाते हैं। इसीलिए गणेश उत्सव को पूरी श्रद्धा-भक्ति और विश्वास के साथ मनाना चाहिए और विधिपूर्वक उनका पूजन-अर्चन और मंत्रों का जाप करना चाहिए।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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