गणपति को घर लाने के सही नियम और कलश स्थापना विधि, आप भी जानें

गणपति को घर लाने के सही नियम और कलश स्थापना विधि, आप भी जानें
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गजानंन, गणपति, गजमुख और गणेश आदि नामों से जाने जाने वाले भगवान गणेश ज्ञान, बुद्धि और सौभाग्य के साथ आपके घर पधारने वाले हैं। जिनके आगमन से पूरा देश अब गणेशमय हो चुका है। गणेश चतुर्थी और गणेशोत्सव का पर्व कल यानि की 22 अगस्त 2020, दिन शनिवार से शुरू होने वाला है। ऐसे में ज्यादातर घरों में गणपति को घर लाने का उत्सव मनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी है। लेकिन अगर आप भी अपने घर में गणपति को विराजमान करना चाहते हैं और उनकी पूजा कर उनकी असीम कृपा पाना चाहते हैं। तो आप भी जाने लें गणपति को घर में लाने की सही विधि।

गजानंन, गणपति, गजमुख और गणेश आदि नामों से जाने जाने वाले भगवान गणेश ज्ञान, बुद्धि और सौभाग्य के साथ आपके घर पधारने वाले हैं। जिनके आगमन से पूरा देश अब गणेशमय हो चुका है। गणेश चतुर्थी और गणेशोत्सव का पर्व कल यानि की 22 अगस्त 2020, दिन शनिवार से शुरू होने वाला है। ऐसे में ज्यादातर घरों में गणपति को घर लाने का उत्सव मनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी है। लेकिन अगर आप भी अपने घर में गणपति को विराजमान करना चाहते हैं और उनकी पूजा कर उनकी असीम कृपा पाना चाहते हैं। तो आप भी जाने लें गणपति को घर में लाने की सही विधि।

गणराज को घर लाने के लिए आप सबसे पहले गणेश चतुर्थी के दिन यानि शनिवार को भगवान गणेश की मूर्ति को घर लेकर आएं। और गणपति को घर लाने से पहले पूजास्थल की अच्छी तरह से साफ-सफाई कर लें। और पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करें। फिर एक साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर अक्षत यानि चावल रखें और ओम गणेशाय नम: के मंत्र के जप के साथ मूर्ति को स्थापित करें। इसके बाद बाप्पा को दूर्वा घास या पान के पत्ते की सहायता से गंगाजल से स्नान कराएं। और भगवान को पीले वस्त्र चढ़ाएं। इसके बाद आप गणपति को तिलक लगाकर अक्षत और धूप चढ़ाएं। और मोदक का भोग लगाएं। इसके बाद आरती और कीर्तिन करें। और गणपति के प्रसाद में पंचमेवा जरुर रखें।

गणपति पूजन के नियम और कलश स्थापना

गणपति पूजा में सबसे जरूरी है कलश स्थापना करना और दीपक। दरसअल गणपति की चौकी के पास कलश में जल भरकर जरुर रखें। और कलश गणपति के दाहिने हाथ की ओर रखना चाहिए। इस कलश के नीचे चावल जरुर रखे। और कलश पर मौली जरूर बांधे। गणपति के बांये ओर घी का दीपक जलाएं। और इस दीपक के नीचे भी अक्षत यानि चावल से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। इस सबके के बाद बाप्पा के पूजन का संकल्प करें। और कहें कि हम गणपति को इतने दिनों तक अपने घर में स्थापित करके प्रतिदिन विधिविधान से पूजा करेंगे। संकल्प में इतने दिनों का जिक्र करें। जितने दिनों गणपति को अपने घर में विराजमान करना चाहते हैं।

गणपति पर प्रतिदिन पांच दूर्वा अर्पित करें। साथ ही पांच हरी इलायची और पांच कमल गट्टे एक कटोरी में रखकर भगवान के चरणों में रख दें। लेकिन इसमें आपको दर्वा को हर रोज बदलना पड़ता है। वहीं इलायची आदि को पूजा के अंतिम दिन तक पूजा स्थल पर ही रखा रहने दें। और पूजन संपन्न होने के आखिरी दिन कमल गट्टों को लाल कपड़े में बांधकर घर में बने पूजा के मंदिर में रख दें। और इलायची को प्रसाद के तौर पर ग्रहण करें। इस प्रकार नियम पूर्वक बाप्पा की पूजा करने से घर में हमेशा सुख शांति और समृद्धि बनी रहेगी।

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