Garh temple of Jaipur: यहां विराजमान हैं बिना सूंड के भगवान गणेश, मांगी हुई मनोकामनाएं होगी पूरी

Garh temple of Jaipur: यहां विराजमान हैं बिना सूंड के भगवान गणेश, मांगी हुई मनोकामनाएं होगी पूरी
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Garh temple of Jaipur: भगवान गणेश की पूजा अन्य देवताओं की पूजा से पहले की जाती है। गणपति सभी के प्यारे हैं। आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां गणपति बिना सूंड के विराजमान हैं। कहा जाता है कि यहां मांगी गई मन्नत पूरी होती है। तो चलिये बताते हैं इस प्राचीन मंदिर के बारे में...

Garh temple of Jaipur: घर में अगर कोई भी पूजा-पाठ होती है, तो सबसे पहले भगवान गणेश पूजा की जाती है। भगवान गणेश सभी देवताओं के बहुत ही प्यारे हैं। हर कोई बच्चा गणेश भगवान के सूंड को ही देखकर पहचान लेता है। गणेश भगवान की सूंड ही सभी देवताओं से अलग पहचान कराता है। इसी कड़ी में एक ऐसा भी गणेश भगवान की मंदिर है, जहां बिना सूंड के गणपति जी विराजमान हैं। देशभर में कई ऐसे प्रसिद्ध भगवान गणेश की सिद्धि मंदिर हैं, लेकिन ये मंदिर की एक अलग ही पहचान है। वहीं, जयपुर में स्थित ये मंदिर बहुत ही प्राचीन मंदिर है। साथ ही ऐसी मान्यता है कि यहां मांगी हुई हर इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। आइये इस प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर के बारे में जानते हैं।

इस मंदिर की एक अलग विशेषता

बता दें कि जयपुर के नाहरगढ़ पहाड़ी पर स्थित भगवान गणपति का ये भव्य मंदिर गढ़ गणेश के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर लगभग 350 साल पुराना बताया जा रहा है। इस मंदिर में भगवान गणेश बाल रूप में विराजमान हैं। इसी के चलते उनका स्वरूप बिना सूंड वाला है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर मांगी गई हर मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। मान्यता है कि इस प्राचीन मंदिर को महाराजा सवाई जयसिंह ने अश्वमेघ यज्ञ करने के बाद बनवाया था।

मंदिर के सीढ़ियों का काम एक साल में हुआ था पूरा

ऐसी मान्यता है कि इस प्राचीन भव्य मंदिर की सीढ़ियों को बनाने में करीब एक साल का समय लगा था। इस प्राचीन गणपति मंदिर में कुल 365 सीढ़ियां हैं। कहा जाता है कि मंदिर निर्माण के साथ-साथ पर दिन एक-एक सीढ़ियां बनाई जाती थी, इसलिए एक साल में यह मंदिर की सीढ़ियां बनकर तैयार हो गई थी।

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इस मंदिर में पूरा शिव परिवार विराजमान

इस प्राचीन मंदिर में सिर्फ गणपति जी ही नहीं, बल्कि पूरा शिव परिवार विराजमान है। इस मंदिर के रास्ते में एक शिव मंदिर भी है, जिसमें पूरे शिव परिवार की तस्वीर रखी गई है। वहीं, इस मंदिर में भगवान की दर्शन करने के बाद ही आगे बढ़ा जाता है।

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