Garud puran : कैसे स्त्री-पुरुष बनते हैं अजगर और छिपकली, जानें ये पूरी डिटेल

Garud puran : कैसे स्त्री-पुरुष बनते हैं अजगर और छिपकली, जानें ये पूरी डिटेल
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Garud puran : गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म के प्राचीन ग्रंथों में से एक है। इस ग्रंथ में जन्म-मृत्यु और मृत्यु के बाद की घटनाओं की जानकारी विस्तार से मिलती है। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु और गरुड़ जी के बीच हुई बातचीत का वर्णन किया गया है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति जैसा भी कर्म करता है, उसे वैसे ही फल की प्राप्ति होती है।

Garud puran : गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म के प्राचीन ग्रंथों में से एक है। इस ग्रंथ में जन्म-मृत्यु और मृत्यु के बाद की घटनाओं की जानकारी विस्तार से मिलती है। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु और गरुड़ जी के बीच हुई बातचीत का वर्णन किया गया है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति जैसा भी कर्म करता है, उसे वैसे ही फल की प्राप्ति होती है। मनुष्य अपने कर्मों का फल न केवल इस जन्म बल्कि अगले जन्म में भी भोगता है। साथ ही इसमें व्यक्ति के चरित्र के बारे में भी बताया गया है। ऐसे स्त्री-पुरुष जोकि गंदे काम करते हैं, वो नर्क की यातनाएं भोगते हैं और विचित्र व जहरीले प्राणियों की योनि में जन्म लेते हैं। तो आइए जानते हैं कि कैसे स्त्री-पुरुष बनते हैं पाप के भागीदार।

गरुड़ पुराण के अनुसार, ऐसे पुरुष जो किसी महिला का शारीरिक शोषण करते हैं, उन्हें नर्क में जगह मिलती है। साथ ही ऐसे पुरुष अगले जन्म में अजगर बनते हैं।

जो पुरुष अपने गुरु की पत्नी के साथ संबंध बनाते हैं, अगले जन्म में गिरगिट के रुप में जन्म लेते हैं।

गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसे पुरुष जो अपने दोस्त की पत्नी से शारीरिक संबंध बनाते हैं, वो अगले जन्म में गधा बनते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, महिला का सम्मान ना करने वाले और महिलाओं के संग मारपीट और गाली-गलौंच करने वाले व्यक्ति अगले जन्म में नपुंसक बनते हैं।

ऐसी शादीशुदा महिला जो किसी गैर मर्द के साथ हम बिस्तर होती है, उसे नर्क की यातनाएं भोगनी पड़ती हैं और ऐसी महिला अगले जन्म में छिपकली, सांप और चमकादड़ के रुप में जन्म लेती है।

नर्क की यातनाओं से मुक्ति और मनुष्य योनि में फिर से जन्म लेने के लिए जीवनकाल में सदैव अच्छे कर्म करने चाहिए। साथ ही गरुड़ पुराण में बताई गई बातों का अनुसरण भी करना चाहिए।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)

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