Garuda Purana: गुणवान पुत्र की प्राप्ति के लिए करें ये उपाय, जानें गरुड़ पुराण के चमत्कारी तथ्य

Garuda Purana: सनातन धर्म में गरुण पुराण का बहुत ही खास महत्व माना जाता है। 18 महापुराणों में गरुड़ पुराण को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। भगवान विष्णु अपने प्रिय वाहन पक्षीराज गरुड़ से कई संदर्भ में बातों का जिक्र करते हैं। भगवान के इन्हीं संदर्भों का वर्णन गरुड़ पुराण ग्रंथ में किया गया है। इस पुराण में जन्म से लेकर मृत्यु, पुनर्जन्म, स्वर्ग, नरक के साथ ही ज्ञान, विज्ञान और नीति-नियमों के बारे में बताया गया है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, हर इंसान को उत्तम संतान की प्राप्ति की इच्छा होती है, क्योंकि अगर उत्तम संतान होगी, तभी समाज में मान-सम्मान की वृद्धि होती है। गरुड़ पुराण के 15वें अध्याय में भगवान विष्णु से पक्षीराज गरुड़ ने उत्तम संतान की प्राप्ति के विषय में प्रश्न किए। तब भगवान विष्णु ने पक्षीराज गरुड़ के पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यह एक उत्तम प्रश्न है और प्रत्येक व्यक्ति को इस ज्ञान के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
इन कारणों से होती है उत्तम संतान की प्राप्ति
गरुड़ पुराण के अनुसार, जिस दिन स्त्री और पुरुष दोनों संतान प्राप्ति की कामना करते हैं, उस दिन चित्त प्रसन्न और मन शुद्ध होना चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि महिला और पुरुष का चित्त जैसा रहेगा, वैसा ही आगे जाकर संतान की भी प्राप्ति होगी।
भगवान श्री हरि विष्णु गरुड़ पुराण में कहते हैं कि उत्तम संतान की प्राप्ति के लिए महिला को माहवारी के दिनों में पुरुष के संपर्क में नहीं आना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि स्त्रियों को माहवारी के समय देवताओं ने श्राप दिया था। इसलिए माहवारी के दौरान स्त्री की आभा को अशुद्ध माना गया है।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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