Geeta Jayanti 2021 : गीता जयंती आज, जानें पूजाविधि और महत्व

Geeta Jayanti 2021 : गीता जयंती आज, जानें पूजाविधि और महत्व
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  • गीता जयंती (Geeta Jayanti) एक प्रमुख पर्व है।
  • गीता ग्रंथ का प्रार्दुभाव मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को कुरुक्षेत्र में हुआ था।

Geeta Jayanti 2021 : गीता जयंती (Geeta Jayanti) हिन्दुओं का एक प्रमुख पर्व है। वहीं हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में गीता का स्थान सर्वोपरि रहा है। गीता ग्रंथ का प्रार्दुभाव मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को कुरुक्षेत्र में हुआ था। महाभारत के समय भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को ज्ञान का मार्ग दिखाते हुए गीता का आगमन होता है। इसी दिन गीता जयंती होने से श्रीमदभागवद गीता की सुगंधित फूलों द्वारा पूजा करके गीता का पाठ करना चाहिए।


मान्यता है कि जो भी इस दिन विधि पूर्वक गीता की और भगवान विष्णु की पूजा करता है तथा ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देता है उसे हर प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। तथा उस व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।


गीता जयंती के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु जी का पूजन करने से व्यक्ति को आत्मिक शांति और ज्ञान की प्राप्ति होती है। तथा ऐसे व्यक्ति के लिए मृत्यु के उपरांत मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।

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गीता जयंती शुभ मुहूर्त 2021

गीता जयंती डेट और वार साल 2021 में गीता जयंती 14 दिसंबर, दिन मंगलवार को मनायी जाएगी।


मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि टाइम

एकादशी तिथि शुरू

13 दिसंबर 2021 रात 09 बजकर 30 मिनट से

एकादशी तिथि समाप्त

14 दिसंबर 2021 रात 11 बजकर 35 मिनट पर

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गीता जयंती पूजा विधि

  • गीता जयंती के दिन साधक को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए और भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करना चाहिए।
  • इसके बाद एक साफ चौकी पर भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए।
  • भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करने के बाद उनके चरणों में भगवद् गीता को रखें।
  • इसके बाद श्रीमदभगवत गीता पर गंगा जल छिड़कें और भगवान श्री कृष्ण और भगवद गीता का रोली से तिलक करें।
  • रोली से तिलक करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण और श्रीमदभगवत गीता पर फूल अर्पित करें।
  • इसके बाद भगवान श्री कृष्ण की धूप व दीप से आरती उतारें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं।
  • भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के बाद श्रीमदभगवत गीता को हाथ से उठाकर माथे पर लगाएं और उसका पाठ करें या सुनें।
  • गीता जयंती के दिन मंदिरों में भी गीता का पाठ किया जाता है। आप चाहें तो वहां जाकर भी गीता सुन सकते हैं।
  • श्रीमदभगवत गीता को पढ़ने के बाद उसे आदर सहित उसके स्थान पर रख दें। 10.यदि संभव हो तो इस दिन किसी ब्राह्मण को गीता का दान अवश्य करें।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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