Gochar 2021 : सूर्य कल करेंगे कर्क राशि में प्रवेश, एक क्लिक में जानें इसकी विशेष बातें

Gochar 2021 : सूर्य कल करेंगे कर्क राशि में प्रवेश, एक क्लिक में जानें इसकी विशेष बातें
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  • सूर्य संक्रांति पर तीर्थ स्नान और दान करने से बढ़ती है उम्र और सकारात्मक ऊर्जा
  • सूर्य का गोचर 16 जुलाई शाम 04: 41 मिनट पर चंद्रमा की राशि कर्क में होगा।
  • सूर्य कर्क राशि में 17 अगस्त 2021 तक रहेंगे।

Gochar 2021 : शुक्रवार 16 जुलाई को सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन कर्क संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। इस पर्व पर तीर्थ-स्नान और दान के साथ उगते हुए सूरज की पूजा करने की भी परंपरा है। पुराणों में कहा गया है कि ऐसा करने से बीमारियां दूर होती है। साथ ही उम्र और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है। सेहत के नजरिये से भी देखा जाए तो सूर्य को जल चढ़ाना फायदेमंद होता है। क्योंकि सूरज की रोशनी में विटामिन डी होता है। जो हमारे शरीर में सीधे पहुंचता है। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य का गोचर शुक्रवार 16 जुलाई को शाम में 04: 41 मिनट पर चंद्रमा की राशि कर्क में होगा। सूर्य इस राशि में मंगलवार 17 अगस्त 2021 को सुबह 01 : 05 मिनट तक रहेंगे। इसके बाद सूर्य अपनी राशि सिंह में गोचर कर जाएंगे। आषाढ़ महीने में सूर्य उपासना की परंपरा है। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है। स्कंद और पद्म पुराण में कहा गया है कि इस महीने में सूर्य को जल चढ़ाने से पुण्य मिलता है और पाप भी खत्म हो जाते हैं। वेदों में सूर्य को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। इसलिए सूर्य उपासना से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

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ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य का राशि परिवर्तन मेष से लेकर मीन राशि तक सभी 12 राशियों को प्रभावित करेगा। कुछ राशियों को सूर्य शुभ तो कुछ राशियों को अशुभ फल देंगे। ज्योतिष के अनुसार कर्क संक्रांति को छह महीने के उत्तरायण काल का अंत माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन ही दक्षिणायन की शुरुआत होती है। सूर्य की यह स्थिति मकर संक्रांति तक रहती है। शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव की कर्क संक्रांति के दिन उपासना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। सूर्यदेव 16 जुलाई को बुध की राशि मिथुन से निकल कर चंद्रमा की राशि कर्क में गोचर करेंगे। मित्र की राशि में होने के का कारण सूर्य ज्यादातर राशियों के लिए शुभ फल देने वाला होगा। सूर्य के गोचर का प्रभाव राजनीति -बिजनेस और जीवन अन्य क्षेत्रों में देखने को मिलेगा। सूर्य गोचर का अर्थ है कि सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया है। सूर्य के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते इसलिए सूर्य के गोचर का ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है। सूर्य के गोचर के दौरान किस व्यक्ति को कैसा फल मिलेगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति की कुंडली या राशि में सूर्य किस भाव में संचरण कर रहे हैं।

भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि सेहत के नजरिये से भी महत्वपूर्ण सूर्य को जल चढ़ाना सेहत के लिए भी फायदेमंद है। उगते हुए सूर्य को चल चढ़ाने से शरीर को विटामिन डी की भरपूर मात्रा में मिलता है। सूर्य की किरणें शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को दूर कर निरोगी बनाने का काम करती हैं। इससे शरीर स्वस्थ रहता है। इंसान का शरीर पंच तत्वों से बना होता है। इनमें एक तत्व अग्नि भी है। सूर्य को अग्नि का कारक माना गया है। इसलिए सुबह सूर्य को जल चढ़ाने से उसकी किरणें पूरे शरीर पर पड़ती हैं। इससे हार्ट, स्कीन, आंखें, लिवर और दिमाग जैसे सभी अंग सक्रिय हो जाते हैं। शरीर के ऊर्जा चक्र को सक्रिय करने में मददगार ज्योतिष ग्रंथों में भी सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। इसलिए सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव के दर्शन से मन प्रसन्न होता है। इससे सकारात्मक रहने और अच्छे काम करने की प्रेरणा मिलती है। सूर्य पूजा से शरीर में स्फूर्ति भी आती है। उगते हुए सूर्य की किरणें हमारी आंखों के लिए अच्छी होती है। ये हमारे शरीर के ऊर्जा चक्र को सक्रिय करने में भी मदद करती हैं। सूर्य को जल चढ़ाने से मन में अच्छे विचार आते हैं, जिससे प्रसन्नता महसूस होती है। इससे सोचने-समझने की शक्ति भी बढ़ती है। ये व्यक्ति की इच्छाशक्ति को मजबूत करने का भी काम करता है।

राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव

भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि 16 जुलाई 2021 को सूर्य का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। सूर्य इस दिन मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। सबसे अधिक प्रभाव कर्क राशि पर पड़ेगा। 4 राशियों के लिए सूर्य का राशि परिवर्तन शुभ रहेगा। वहीं अन्य 8 राशियों पर सूर्य का अशुभ प्रभाव रहेगा।

शुभ

वृष, कन्या, तुला और कुंभ

अशुभ

मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन

उपाय

विख्यात कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि भगवान श्री विष्णु की उपासना करें। बंदर, पहाड़ी गाय या कपिला गाय को भोजन कराएं। रोज उगते सूर्य को अर्घ्य देना शुरू करें। रविवार के दिन उपवास रखे। रोज गुढ़ या मिश्री खाकर पानी पीकर ही घर से निकलें । जन्मदाता पिता का सम्मान करें, प्रतिदिन उनके चरण छुकर आशीर्वाद लें । भगवान सूर्य की स्तुति आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें ।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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