Gochar 2022: देवगुरु बृहस्पति कल होंगे उदय, एक क्लिक में जानें उनके प्रभाव और उनका आशीर्वाद पाने के उपाय

Gochar 2022: देवगुरु बृहस्पति कल होंगे उदय, एक क्लिक में जानें उनके प्रभाव और उनका आशीर्वाद पाने के उपाय
X
Gochar 2022: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कोई ग्रह उदय-अस्त या राशि परिवर्तन करता है तो उसका असर संपूर्ण मानव जाति पर होता है। ज्योतिष की मानें तो कल 23 मार्च 2022 को बृहस्पति ग्रह उदय होने जा रहे हैं। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को देवगुरु का दर्जा प्राप्त है।

Gochar 2022: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कोई ग्रह उदय-अस्त या राशि परिवर्तन करता है तो उसका असर संपूर्ण मानव जाति पर होता है। ज्योतिष की मानें तो कल 23 मार्च 2022 को बृहस्पति ग्रह उदय होने जा रहे हैं। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को देवगुरु का दर्जा प्राप्त है। वहीं जब भी कोई ग्रह अस्त होता है तो वह सूर्यदेव के बहुत निकट आ जाता है और जब कोई ग्रह उदय होता है तो वह भ्रमण करता हुआ सूर्य से बहुत दूर चला जाता है। वहीं बृहस्पति ग्रह के अस्त होने से दुनिया भर में कई प्रभाव नजर आएंगे और बृहस्पति के उपाय करने से आपको कई लाभ भी हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं बृहस्पति ग्रह के असर और उपाय के बारे में...

ये भी पढ़ें: Sheetala Ashtami 2022: शीतला माता इस आरती से होती हैं प्रसन्न, एक क्लिक में पढ़कर पाएं उनका आशीर्वाद

बृहस्पति 23 फरवरी को कुंभ राशि में अस्त हुए थे और 23 मार्च दिन बुधवार को इसी राशि में उदय हो जाएंगे। लेकिन 14 अप्रैल तक खरमास रहने के कारण शादियां, गृह प्रवेश, सगाई और अन्य मांगलिक काम नहीं हो सकेंगे। देवगुरु बृहस्पति के उदय का असर शिक्षा और रोजगार के लिए अच्छा रहेगा। साथ ही राजनीति से जुड़े लोगों के लिए भी अच्छा समय रहेगा। धर्म से जुड़े राजनेताओं का प्रभाव और बढ़ेगा। मंहगाई घटेगी एवं करों का बोझ कम होगा। देश में रोगों की कमी होगी। जमीन, मकान सस्ते होंगे।

उपाय

बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन ॐ भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का एक माला जाप करें। साथ ही भगवान विष्णु को संभव हो तो पीले रंग के फल का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में बांटें। देवगुरु को प्रसन्न करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन दाल, हल्दी, पीले वस्त्र, बेसन के लड्डू आदि किसी योग्य ब्राह्मण को दान करें और केले के वृक्ष पर जल चढ़ाएं। इसके लिए शिवलिंग पर चने की दाल और पीले फूल चढ़ाएं। बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। गुरु ग्रह के मंत्र ऊँ बृं बृहस्पतये नमः का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। किसी गौशाला में हरी घास दान करें। प्रतिदिन भगवान श्री विष्णु की आराधना के बाद हल्दी और चंदन का तिलक करें।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

Tags

Next Story