Gochar 2022: गुरु-शनि की उल्टी चाल इन लोगों को कर सकती है परेशान, जानें इसका प्रभाव और उपाय

Gochar 2022: गुरु-शनि की उल्टी चाल इन लोगों को कर सकती है परेशान, जानें इसका प्रभाव और उपाय
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Gochar 2022: ज्योतिष शास्त्र में गुरू ग्रह को शुभ ग्रह माना गया है। वहीं इस समय गुरु ग्रह वक्री अवस्था में गोचर कर रहे हैं। ज्योतिष गणना के मुताबिक, बृहस्पतिदेव बीते 29 जुलाई से वक्री स्थिति में हैं, वहीं सूर्य पुत्र शनिदेव 05 जुलाई 2022 से वक्री स्थिति में विचरण कर रहें हैं।

Gochar 2022: ज्योतिष शास्त्र में गुरू ग्रह को शुभ ग्रह माना गया है। वहीं इस समय गुरु ग्रह वक्री अवस्था में गोचर कर रहे हैं। ज्योतिष गणना के मुताबिक, बृहस्पतिदेव बीते 29 जुलाई से वक्री स्थिति में हैं, वहीं सूर्य पुत्र शनिदेव 05 जुलाई 2022 से वक्री स्थिति में विचरण कर रहें हैं। देवगुरू बृहस्पति आगामी 23 नवंबर 2022 तक वक्री अवस्था में रहेंगे। जबकि शनिदेव 23 अक्टूबर 2022 तक मकर राशि में वक्री रहेंगे और 23 अक्टूबर 2022 को कुंभ राशि में मार्गी हो जाएंगे। ऐसे में इन दोनों ग्रहों के वक्री होने का असर सभी राशियों पर पड़ने वाला है। तो आइए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि, शनि और गुरू की वक्री स्थिति किन राशियों को परेशान कर सकती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि और गुरू के वक्री होने से वैवाहिक और दांपत्य जीवन से जुड़ी समस्याएं बढ़ेंगी। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, उन लोगों को विशेष सावधान रहने की जरूरत है, जोकि वैवाहिक जीवन में बंधने की तैयारियां कर रहे हैं।

कन्या राशि

इस दौरान कन्या राशि वाले जातकों को भी सतर्क रहना होगा। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो आप लोगों को पारिवारिक जीवन से जुड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।

कर्क राशि

गुरु और शनि की वक्री स्थिति में आप लोगों को मानसिक स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना होगा। साथ ही आप लोग अपनी सेहत को लेकर भी सजग रहें तो आपके लिए हितकर रहेगा।

मीन राशि

मीन राशि के लोगों को इस अवधि में चिंता और असाध्य रोगों के प्रति सजग रहने की जरुरत है। लापरवाही की तो आप किसी गंभीर रोग का शिकार हो सकते हैं। मीन राशि वालों के लिए गुरू-शनि की वक्री स्थिति शुभ नहीं मानी जा सकती है, आप लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आ सकती हैं। शनि और गुरू की स्थिति आपको परेशान कर सकती है।

गुरू और शनि के उपाय

आप लोग स्नान के बाद प्रतिदिन सूर्यदेव को हल्दी मिश्रित जल से अर्घ्य दें। वहीं आप लोग गुरुवार के दिन गुरू और शनिवार के दिन शनिदेव के बीजमंत्र का जाप सुबह-शाम पूजा के दौरान जरुर करें। वहीं आप गुरूवार के दिन देवगुरू को केले और शनिवार को शनिदेव के लिए काले तिल का भोग लगाएं। ऐसा करने से शनि और बृहस्पति की दशा में आपको लाभ की प्राप्ति हो सकती है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)

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