Gochar 2022: साल 2022 में मंगल ग्रह कर सकते हैं ये शुभ और अशुभ काम, जानें इसके उपाय

Gochar 2022: नवसंवत्सर 2078 के राजा और मंत्री दोनो ही मंगल हैं और ये 2078 शनिवार 01 अप्रैल 2022 तक रहेगा, जिसके बाद रविवार 02 अप्रैल 2022 से नवसंवत्सर 2079 शुरु होगा। साल 2022 में एक ओर खास बात ये भी रहेगी कि इस पूरे साल मंगल अस्त नहीं होंगे। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार मंगल एक उग्र ग्रह माना जाता है, ये देवताओं का सेनापति होने के साथ ही पराक्रम,उत्साह व उत्तेजना जैसी अनेक स्थितियों के भी कारक है। इसे रक्तगौर वर्ण का माना गया है। इसमें अग्नि तत्व की प्रधानता मानी जाती है। इसके अलावा इन्हें मुख्य रूप से रक्त का कारक माना जाता है। मान्यता के अनुसार कुंडली में मंगल की प्रधानता जातक को अधिकांशत: नेता, प्रखर वार्ताकार, तर्क से सबको परास्त करने वाला बनाती हैं। वहीं मंगल का प्रभाव जातक को सेना या पुलिस में उच्च पद दिलाता हैं। तो आइए जानते हैं मंगल ग्रह के शुभ और अशुभ प्रभाव के बारे में और इसके निदान के उपाय क्या हैं।
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मंगल का शुभ-अशुभ प्रभाव
जनजीवन सामान्य होगा। वैज्ञानिकों को सफलता मिलेगी तथा बीमारियों के इलाज में सफलता प्राप्त होगी। देश में कुछ राहत होने वाली है। इससे मौसम भी बदलेगा और बारिश भी अच्छी होगी। इसके अलावा देश में आपदा में भी कमी आएगी। लोगों के लिए समय अच्छा रहेगा। रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी। आय में बढ़ोतरी होगी। देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा। खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी। सब्जियां, तिलहन और दलहन की कीमतें कम होंगी। व्यापार में तेजी रहेगी। सोने चांदी के भाव में वृद्धि होगी। राजनीति में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना। पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा। पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा। मंगल की वजह से दुर्घटना होने की आशंका है। देश के कुछ हिस्सों में हवा के साथ बारिश रहेगी। भूकंप या अन्य तरह से प्राकृतिक आपदा आने की भी आशंका है।
करें पूजा-पाठ और दान
डा. अनीष व्यास ने बताया कि मंगल के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए। लाल चंदन या सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए। तांबे के बर्तन में गेहूं रखकर दान करने चाहिए। लाल कपड़ों का दान करें। मसूर की दाल का दान करें। शहद खाकर घर से निकलें। हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें। मंगलवार को बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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