Gochar 2022: 29 वर्ष बाद मकर राशि में एक साथ गोचर करेंगे सूर्य और शनि, जानें इनका प्रभाव व उपाय

Gochar 2022: 29 वर्ष बाद मकर राशि में एक साथ गोचर करेंगे सूर्य और शनि, जानें इनका प्रभाव व उपाय
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Gochar 2022: मकर राशि में पहले से ही बुध और शनि है। अब सूर्य के आने से इन तीन ग्रहों की युति बनेगी। सूर्य शनि (मकर) के घर में प्रवेश करेंगे, और सूर्य एक महीने तक मकर राशि में रहेगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि सूर्य का पुत्र है और इस वर्ष यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा जब सूर्य और शनि 29 वर्ष बाद मकर राशि में एक साथ आएंगे।

Gochar 2022: मकर राशि में पहले से ही बुध और शनि है। अब सूर्य के आने से इन तीन ग्रहों की युति बनेगी। सूर्य शनि (मकर) के घर में प्रवेश करेंगे, और सूर्य एक महीने तक मकर राशि में रहेगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि सूर्य का पुत्र है और इस वर्ष यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा जब सूर्य और शनि 29 वर्ष बाद मकर राशि में एक साथ आएंगे। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 1993 में भी इसी तरह की घटना हुई थी जब शनि और सूर्य एक साथ मकर राशि में थे। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य और शनि दोनों को बहुत शक्तिशाली माना जाता है। सूर्य और शनि की युति सबसे अहम संयोगों में से एक है। सूर्य और शनि आपस में शत्रु है। इन दो ग्रहों की के एक साथ रहना देश-दुनिया और कई राशियों के लिए अशुभ रहेगा। सूर्य, बुध और शनि की युति अच्छा संकेत नहीं है, जबकि सिर्फ सूर्य और बुध की युति शुभ मानी गई है। इससे व्यापार और व्यवसाय में सफलता हासिल होती है।

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असर

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य और शनि की युति एक अशुभ योग है। इस अशुभ ग्रह स्थिति के कारण लोगों को सफलता हासिल करने में देरी होती है। इस अशुभ स्थिति के कारण देश में राजनीतिक और प्रशासनिक विवाद हो सकते हैं। देश में बीमारियों का संक्रमण बढ़ने की भी आशंका रहेगी। पिता-पुत्र के संबंध खराब हो सकते हैं। 13 फरवरी को सूर्य के राशि बदलने तक ये तीनों ग्रह एक साथ रहेंगे। इस दिन सूर्य कुंभ राशि में चला जाएगा। वहीं शनि 28 अप्रैल को कुंभ में प्रवेश कर जाएगा।

उपाय

ज्योतिषाचार्य शुभेश शर्मन ने बताया कि भगवान श्री विष्णु की उपासना करें। बंदर, पहाड़ी गाय या कपिला गाय को भोजन कराएं। रोज उगते सूर्य को अर्घ्य देना शुरू करें। रविवार के दिन उपवास रखे। रोज गुढ़ या मिश्री खाकर पानी पीकर ही घर से निकलें । जन्मदाता पिता का सम्मान करें, प्रतिदिन उनके चरण छुकर आशीर्वाद लें । भगवान सूर्य की स्तुति आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें । शनि के अशुभ असर को कम करने के लिए हर शनिवार शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा है। इसके अलावा शनिवार के दिन हनुमानजी के दर्शन और पूजा करने से भी शनिदोष से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी की पूजा से भी शनि के दोष कम होते हैं। शनि के मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नम: का जाप हर शनिवार को करें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार जरूर करें। हर शनिवार तेल का दान करें।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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