Govardhan Puja 2022: गोवर्धन पूजा के दिन पढ़ें ये आरती, होंगे बहुत सारे फायदे

Govardhan Puja 2022: वैसे तो दिवाली महापर्व के चौथे दिन और लक्ष्मी-गणेश पूजन के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, लेकिन इस बाद पंचांग और सूर्यग्रहण के कारण लक्ष्मी-गणेश पूजन के अगले दिन गोवर्धन पूजा नहीं की जाएगी। क्योंकि सूर्य ग्रहण के कारण लगने वाले सूतक काल की वजह से दिवाली और गोवर्धन पूजा में एक दिन का गेप रहेगा। वहीं, मान्यता है कि, गोवर्धन पूजा के स्वरुप में श्रीहरि के कृष्ण स्वरूप की ही पूजा होती है और कहा जाता है कि, किसी भी पूजा-अनुष्ठान आदि को सनातन हिन्दू धर्म में आरती के बिना पूरा नहीं माना जाता है। आरती के बिना सभी प्रकार की पूजा रह जाती है और उसी अधूरी पूजा को ही पूर्ण करने और उस पूजा का पूरा लाभ प्राप्त करने के लिए हिन्दू सनातन धर्म में देवी-देवताओं की आरती की जाती है। कहा जाता है कि, आरती करने से ही पूजन में पूर्णता और शुभता आती है। तो आइए इस बार गोवर्धन पूजा के दौरान सभी लोग मिलकर श्रीगोवर्धन महाराज की आरती करें और उनकी पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त करें।
।।गोवर्धन भगवान की आरती।।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तोपे चढ़े दूध की धार,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरी सात कोस की परिकम्मा,
और चकलेश्वर विश्राम
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ,
तेरी झाँकी बनी विशाल।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण।
करो भक्त का बेड़ा पार
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
गोवर्धन पूजा के दिन उनकी आरती करने से भगवान श्रीकृष्ण का भी आशीर्वाद मिलता है और साथ ही इस दिन गाय और बछड़ों की भी पूजा की जाती है। इस दिन गाय और बछड़ों को सुबह के समय स्नान कराया जाता है और उनके गले में माला आदि भी बांधी जाती हैं। साथ ही उन्हें आज के दिन गुड़-चना और हरी-हरी घास खिलायी जाती है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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