govardhan puja 2020: गोवर्धन महाराज के प्रिय गीत से आप भी करें उन्हें प्रसन्न, मिलेगा धन, धान्य का आशीर्वाद

govardhan puja 2020: गोवर्धन महाराज के प्रिय गीत से आप भी करें उन्हें प्रसन्न, मिलेगा धन, धान्य का आशीर्वाद
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govardhan puja 2020: गोवर्धन पूजा दीपावली के एक दिन बाद होती है। और भारत वर्ष के प्रत्येक राज्य में इसे बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा को भगवान श्रीकृष्ण से जोड़कर भी देखा जाता है।

govardhan puja 2020: गोवर्धन पूजा दीपावली के एक दिन बाद होती है। और भारत वर्ष के प्रत्येक राज्य में इसे बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा को भगवान श्रीकृष्ण से जोड़कर भी देखा जाता है। क्योंकि सर्वप्रथम भगवान श्रीकृष्ण ने ही द्वापर युग के दौरान ब्रज वासियों से श्रीगिरिर्राज जी महाराज की पूजा करवाई थी। और श्री गोवर्धन महाराज को श्रीकृष्ण भगवान का ही रुप माना जाता है। एक बार जब देवराज इंद्र ने कुपित होकर ब्रज वासियों को परेशान करने की नीयत से प्रलयकाल के बादलों को आदेश दिया कि ब्रजभूमि को अपनी जल वर्षा से तहस-नहस कर दो। और उस दौरान ब्रज में भारी वर्षा से श्रीकृष्ण भगवान ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर धारण करके ब्रज वासियों की इंद्र के कोप से रक्षा की थी। और ब्रजवासियों को धन-धान्य से परिपूर्ण रहने का आशीर्वाद दिया था। तभी से गोवर्धन पूजा की रीति चली आ रही है। तो आइए आप भी जानें गोवर्धन पूजा के दौरान गोवर्धन महाराज को प्रसन्न करने के लिए गाया जाने वाला पारंपरिक गीत।

गोधन गीत

गोधन माडू रे तू बड़ों

तोसू बड़ों ना रे कोये

गोधन उतरो रे पार सू

उतरो गढ़ के रे द्वारे

कल टिको हैं रे जाट के

तो आज गूर्जर के रे द्वारे

उठके सपूती रे पूज ल

गोधन ठाडो रे द्वारे

ठाडो हैं तो रे रहन द

गौद जडूलो रे पूते

गोधन पूजे राधिका

भर मोतियन को रे थारे

एक जो मोती रे गिर गयो

तो ढूंढे सवरे रे ग्वारे

कारी को खैला बेच क

ओझा लूँगी रे छुटाए

इतने प भी न छुटो

तो बेचू गले को रे हारे

कारी-भूरी रे झोटियाँ

चलती होड़ा रे होडे

कारी प जड़ दू रे खांकडो

भूरी प जड़ दू रे हाँसे

कैसो तो कई य रे भोजला

कैसी वाकि रे मोछे

भूरी मोछन को रे भोजला

हिरन सिंगाडी रे आंखे

बंगरी बैठो रे मैमदो

मुड मुड दे रो रे असीसे

अजय विजय सुरेश इतने बाढियो

गंग-जमन के रे असीसे

छोटे-बड्डे इतने रे बाढियो

गंग-जमन के रे नीरे

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