Govardhan Puja 2021: गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को ऐसे लगा दें 56 भोग, जानें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Govardhan Puja 2021: गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को ऐसे लगा दें 56 भोग, जानें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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Govardhan Puja 2021: शास्त्रों में गोवर्धन पूजा का खास महत्व है। गोवर्धन पूजा का पर्व दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में गाय और गोवर्धन महाराज की पूजा करते हैं।

Govardhan Puja 2021: शास्त्रों में गोवर्धन पूजा का खास महत्व है। गोवर्धन पूजा का पर्व दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में गाय और गोवर्धन महाराज की पूजा करते हैं। कई जगहों पर गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को 56 प्रकार के व्यंजन बनाकर उनका भोग लगाया जाता है, 56 भोग की इस प्रकिया को अन्नकूट भी कहा जाता है। तो आइए जानते हैं गोवर्धन पूजा की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...

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गोवर्धन पूजा मुहूर्त

भगवान गोवर्धन की पूजा प्रात:काल में की जाती है। इस दिन प्रातः काल स्नान करने के बाद पूजा प्रारंभ करनी चाहिए। इस दिन पूजा से पूर्व गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का निर्माण कर पूजा करनी चाहिए। गोवर्धन पर्वत पर अन्न,खील, लावा, मिष्ठान आदि का भोग लगाना चाहिए। पंचांग के अनुसार 05 नवंबर 2021, शुक्रवार को प्रतिपदा तिथि को प्रात: 02 बजकर 44 मिनट शुरू होगी और रात्रि में 11 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। गोवर्धन की पूजा 5 नवंबर, को ही मनाया जाएगा।

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त

गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त

प्रात: 06:36 बजे से प्रात: 08:47 बजे तक।

अवधि

02 घंटे 11 मिनट

गोवर्धन पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त

दोपहर 03:22 बजे से शाम 05:33 बजे तक।

अवधि

02 घंटे 11 मिनट

गोवर्धन पूजा विधि

आज आप लोग अपने घरों में गोवर्धन अन्नकूट की पूजा करें। और तरह-तरह के पकवान बनाकर भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करें। घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाकर पर्वत के मध्य में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा बनाएं।

इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, सभी पूजन सामग्री भगवान को अर्पित करते हुए प्रतिमा के सामने दीपक जलाकर पूजा करें। और आज के दिन कूटे गए अन्न से भगवान का भोग लगाए। आज के दिन अन्नकूट में 56 प्रकार के भोग भगवान को अर्पित किए जाते हैं।

पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, गोवर्धन पूजा के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र के प्रकोप से गोकुल के लोगों को बचाने के लिए अपनी सबसे छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था। तभी से गोवर्धन पर्वत की पूजा की परंपरा चली आ रही है।

गोवर्धन पूजा के दिन प्रदोषकाल यानि कि शाम के समय पूरे विधि विधान से श्रीकृष्ण भगवान जी की पूजा करना बहुत शुभ होता है। इसके अलावा गोवर्धन पूजा के दिन गाय की पूजा जरुर करें। और हो सके तो गाय को गुड़ और हरा चारा जरुर खिलाएं। यदि आप आज के दिन ऐसा करते हैं तो आपको जीवन में सुख, समृद्धि और साथ ही आपकी हर मनोकामना पूरी होती है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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