Govardhan Puja 2021 : भगवान श्रीकृष्ण से पहले त्रेता युग में इस देवता ने उठाया था गोवर्धन पर्वत, जानें इसकी वजह

Govardhan Puja 2021 : दीपावली के पांच दिवसीय पर्व के चौथे दिन और दिवाली (Diwali) के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja)का त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है। इस दिन घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर भगवान श्रीकृष्ण की गोवर्धन के रूप में पूजा की जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने देवराज इंद्र के क्रोध से ब्रजवासियों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी ऊंगली पर उठा लिया था। परन्तु क्या आप जानते हैं कि, भगवान श्रीकृष्ण से पहले भी एक देवता ने गोवर्धन पर्वत को उठाया था। तो आइए जानते हैं गोवर्धन पर्वत की कथा के बारे में...
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गोवर्धन पर्वत की त्रेतायुग की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान विष्णु ने मर्यादा पुरुषोतम भगवान श्री राम का अवतार लिया था। उस समय उन्हें लंका तक पहुंचने के लिए वानर सेना की सहायता से समुद्र पर सेतु का निर्माण करना पड़ा था। उस समय पानी में सेतु के निर्माण के लिए बहुत सारे पत्थरों की जरूरत थी। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए हनुमान जी हिमालय पर चले गए। हिमालय पर पहुंचकर उन्होंने एक बड़ा सा पर्वत उठा लिया और समुद्र की ओर चल पड़े।
वहीं हनुमान जी को रास्ते में ही ज्ञात हो गया कि सेतु निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसके बाद हनुमान जी दुविधा में पड़ गए और उसके बाद उन्होंने पर्वत को वहीं जमीन पर रख दिया। मान्यता है कि, यह पर्वत कोई ओर नहीं बल्कि गोवर्धन पर्वत ही था। यह देखकर गोर्वधन पर्वत निराश हो गए और उन्होंने हनुमान जी से कहा कि मैं न तो श्री राम के काम आया और न हीं अपने स्थान पर रह सका। गोवर्धन पर्वत को इस तरह से निराश देखकर हनुमान जी को उस पर दया आ गई।
जिसके बाद हनुमान जी ने गोवर्धन पर्वत से कहा कि द्वापर युग में भगवान श्री राम भगवान कृष्ण के रूप में अवतार लेंगे। उस समय भगवान श्री कृष्ण आपको अपनी ऊंगली पर उठाकर देवता के रूप में प्रतिष्ठित करेंगे और लोग आपकी पूजा भी करेंगे। इसी भविष्यवाणी के कारण श्री कृष्ण ने गोकुल वासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी ऊंगली पर उठा लिया था।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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