Hanuman Janmotsav 2021 : हनुमान जन्मोत्सव पर मिलेगी संकटों से निजात

- सिद्धि योग और स्वाति नक्षत्र में मनाया जाएगा हनुमान जन्मोत्सव
- हनुमान जी के आशीर्वाद से सभी तरह की इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
Hanuman Janmotsav 2021 : रामभक्त हनुमान जी कई नामों से प्रसिद्ध हैं। हनुमान जी को संकटमोचक यानि (सभी परेशानियों से निजात दिलाने वाला) भी माना जाता है। हनुमान जी अपने भक्तों पर हमेशा अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक हनुमान जी कलयुग में जागृत देव हैं और उनको प्रसन्न करना बहुत सरल है। हनुमान जी के आशीर्वाद से सभी तरह की इच्छाएं पूर्ण होती हैं। प्रत्येक वर्ष चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि, चैत्र पूर्णिमा के दिन ही हनुमान जी ने माता अंजनी के उदर से जन्म लिया था। हिन्दू धर्म में चैत्र पूर्णिमा को बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। साल 2021 में 27 अप्रैल 2021, दिन मंगलवार को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा। मंगलवार का दिन होने के साथ-साथ इस साल हनुमान जन्मोत्सव और भी कई शुभ योगों और शुभ मुहूर्त में मनाया जाएगा। हिन्दू पंचांग की मानें तो इस दिन सिद्धि योग और व्यतीपात योग भी बन रहा है।
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शुभ योग
इस साल हनुमान जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर सिद्धि योग और व्यतीपात योग बन रहा है। हनुमान जन्मोत्सव के दिन शाम 08:03 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा। इसके बाद व्यतीपात लग जाएगा। हिन्दू पंचांग के मुताबिक, जब वार, तिथि और नक्षत्र के मध्य शुभ तालमेल होता है तब सिद्धि योग का निर्माण होता है।
हिन्दू पंचांग के मुताबिक, सिद्धि योग के स्वामी भगवान गणपति जी हैं। इस योग में सभी कार्य बिना किसी विघ्न-बाधा के पूर्ण हो जाते हैं। सभी प्रकार की सिद्धि प्राप्त करने, भगवान का नाम जपने के लिए सिद्धि योग को हिन्दू पंचांग में बहुत उत्तम माना जाता है। हनुमान जन्मोत्सव पर यह योग बनने से उनकी पूजा अतिशुभ फलदायी रहेगी। सिद्धि योग में जन्म लेने वाले जातक भले ही अधिक संपन्न नहीं होते हैं लेकिन फिर भी इनके जीवन में अन्न, धन और वस्त्र आदि की कोई किल्लत नहीं रहती है।
व्यतीपात योग को पंचांग के मुताबिक, अधिक शुभ योग नहीं माना जाता है, इस योग में किए गए कार्यों से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। इस योग में कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए लेकिन इस समय मंत्र जाप, गुरु पूजा, उपवास आदि करने का अत्यंत महत्व होता है।
इन नक्षत्रों में मनाई जाएगी हनुमान जन्मोत्सव
हनुमान जन्मोत्सव के दिन शाम 08:08 मिनट तक स्वाति नक्षत्र रहेगा। उसके बाद विशाखा नक्षत्र लग जाएगा। व्यापार, परिवहन, दूध और कपड़े आदि के काम के लिए स्वाति नक्षत्र सही रहता है, तो वहीं बीमा, शेयर बाजार और रसायन से संबंधित कार्यों के लिए विशाखा नक्षत्र को उत्तम माना जाता है।
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भगवान शिव के 11वें अवतार हैं बजरंगी
शास्त्रों के मुताबिक, संकटमोचक हनुमान को भगवान शिव का 11वां अवतार भी माना जाता है। हनुमान जी की पूजा-व्रत आदि करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और उनके भक्तों के जीवन में किसी भी प्रकार का संकट और परेशानी नहीं आती है, इसलिए शास्त्रों में हनुमान जी को संकट मोचक कहा गया है। हिन्दू पंचांग के मुताबिक, जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हैं या फिर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, उन लोगों को हनुमान जी की पूजा विधि करना चाहिए। ऐसा करने से शनि ग्रह से जुड़ी दिक्कतें दूर हो जाती है। हनुमान जी को मंगलकारी कहा गया है, इसलिए इनकी पूजा जीवन में मंगल लेकर आती हैं।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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