Holashtak 2021 : 21 मार्च से शुरू होंगे होलाष्टक, जानें किन कार्यों पर रहेगी रोक

- होली (Holi) के पावन पर्व ने अपने आगमन की दस्तक दे दी है।
- होली से आठ दिन पूर्व होलाष्टक (Holashtak) के प्रारंभ होते ही शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है।
- 21 मार्च से 28 मार्च बीच सभी प्रकार के शुभ कार्यों पर रोक रहेगी
Holi 2021 : होली (Holi) के पावन पर्व ने अपने आगमन की दस्तक दे दी है, लोगों में होली के पर्व को लेकर खासा उत्साह भी दिखाई देने लगा है। वहीं कोरोना (Corona) महामारी के चलते सरकार ने भी इस बारे में अपनी गाइड लाइन पहले से ही जारी कर रखी है। वहीं होली पर्व की शुरुआत होली से आठ दिन पूर्व यानी होलाष्टक (Holashtak) के प्रारंभ होते ही हो जाती है। इस साल 2021 में होलाष्टक 21 मार्च से लग रहे हैं और शास्त्रों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि 21 मार्च, दिन रविवार से लेकर होली के दिन यानी 28 मार्च 2021 तक सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित रहेंगे।
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होलाष्टक के दौरान सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे शादी-विवाह, सगाई, नए घर में प्रवेश, मुंडन, गोद भराई आदि कार्य वर्जित माने जाते हैं और इस दौरान इन कार्यों को बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।
शास्त्रों के मुताबिक शादी के बाद नवविवाहिता को अपनी ससुराल में पहली होली भी नहीं मनानी चाहिए। और उसे शादी के पहले वर्ष में होलिका दहन तो बिलकुल भी नहीं देखना चाहिए।
ऐसी मान्यता है कि होलाष्टक के दौरान सभी ग्रहों का स्वभाव बहुत उग्र रहता है और नवग्रह इस दौरान किसी भी प्रकार का शुभ फल देने में सक्षम नहीं होते हैं।
होलाष्टक के आठ दिनों के दौरान पति-पत्नी को विशेष संयम रखना चाहिए। इस दौरान यौन संबंध स्थापित करने से होने वाली संतान को जिन्दगीभर कष्ट और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं शास्त्रों के मुताबिक, होलाष्टक के दौरान आभूषण और वाहन आदि खरीदना भी वर्जित माना जाता है इसलिए इस दौरान इन चीजों को खरीदने से परहेज करना चाहिए।
होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह का कोई कारोबार प्रारंभ न करें। होलाष्टक के दौरान ग्रहों को अपने अनुकूल बनाने के लिए अधिक से अधिक समय भगवान की भक्ति, बुजुर्गों और जरुरतमंदों की सेवा में बिताएं। होलाष्टक का समय सेवा-भाव के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
होलाष्टक के दौरान प्रतिदिन सूर्योदय से पहले ही जागें, सुबह देर बिलकुल न सोएं।
होलाष्टक के दिनों में सुबह जल्दी स्नान करने के बाद सूर्य को जल दें। इससे नवग्रह और सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
होलाष्टक के दौरान जादू-टोने, काला इलम, और तंत्रमंत्र का अधिक काम होता है, इस दौरान अनेक प्रकार की तंत्र सिद्धियां की जाती है और वहीं कई लोग इन दिनों में अपनी पुरानी दुश्मनी निकालते हैं और वह तंत्र मंत्र प्रयोग करते हैं। इसलिए इस दौरान अशुभ शक्तियों और ऐसे लोगों से दूरी बनाकर ही रहना चाहिए।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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