Holashtak 2023: होली से 8 दिन पहले शुरू हो रहे हैं होलाष्टक, क्या करें और क्या न करें

Holashtak 2023: भारत में होली का पर्व एक बड़ा त्योहार है। हिंदू धर्म में फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली (Holi) का त्योहार मनाया जाता है। इस बार 8 मार्च को होली है। जबकि 7 मार्च को होलिका दहन है। लेकिन उससे पहले होलाष्टक लग रहे हैं। हिंदू शास्त्रों में फाल्गुन मास की शुक्ल अष्टमी से फाल्गुन मास की पूर्णिमा तक होलाष्टक का समय होता है। यह ऐसा समय होता है जब कोई शुभ कार्य नहीं होता है, सभी शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। होलाष्टक का अर्थ होता है होली से पहले के आठ दिन यानी होली अष्टक। हिंदू धर्म के अनुसार इन 8 दिनों तक सभी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश या नई दुकान खोलना, नया कारोबार कुछ भी नहीं किया जाता है। लेकिन कुछ काम हैं जो आप कर सकते हैं। होलिका दहन पर होलाष्टक समाप्त होता है।
होलाष्टक के दिनों में न करें ये काम
1. होलाष्टक में कभी भी विवाह, मुंडन, नामकरण, सगाई नहीं करनी चाहिए।
2. होलाष्टक के दौरान नया घर, वाहन, प्लॉट या अन्य संपत्ति खरीदने से बचना चाहिए।
3. होलाष्टक के समय यज्ञ, हवन आदि नहीं करने चाहिए।
4. होलाष्टक के दौरान नौकरी बदलने से बचना चाहिए। होलाष्टक के बाद ये काम कर सकते हैं।
5. होलाष्टक के दौरान कोई भी नया व्यवसाय शुरू करने से बचना चाहिए।
होलाष्टक के दिनों में कर सकते हैं ये काम
1. होलिका दहन के लिए लकड़ी इक्ट्टी कर सकते हैं।
2. होलिका के लिए स्थान का चुनाव कर सकते हैं।
3. होलिका दहन वाले स्थान का शुद्धिकरण कर सकते हैं।
4. होलिका दहन के सामान को खरीद सकते हैं। इन कार्यों के प्रारंभ होने के दिन को होलाष्टक प्रारंभ होने का दिन भी कहा जाता है।
5. होलाष्टक के समय व्रत किया जा सकता है।
6. होलाष्टक के दौरान दान कर सकते हैं।
कब से कब तक रहेगा होलाष्टक?
होलाष्टक प्रारंभ तिथि - 27 फरवरी 2023 को सोमवार से
होलाष्टक समाप्त तिथि- 07 मार्च 2023 मंगलवार तक रहेगा।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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