Holi 2022: होलिका दहन पर रहेगा भद्रा का साया, आज करें ये काम

Holi 2022: होलिका दहन पर रहेगा भद्रा का साया, आज करें ये काम
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Holi 2022: पंचांग के अनुसार 17 मार्च को होलिका दहन पर भद्रा का साया रहेगा और आज होलिका दहन के लिए बस केवल 1 घंटा 10 मिनट का समय रहेगा। इस दिन रात 9.02 से 10.14 तक जब भद्रा का पूंछकाल रहेगा, उस समय होलिका दहन किया जा सकता है। जो लोग इस अवधि में दहन नहीं कर पाएं वे रात डेढ़ बजे के बाद होलिका दहन करें।

Holi 2022: पंचांग के अनुसार 17 मार्च को होलिका दहन पर भद्रा का साया रहेगा और आज होलिका दहन के लिए बस केवल 1 घंटा 10 मिनट का समय रहेगा। इस दिन रात 9.02 से 10.14 तक जब भद्रा का पूंछकाल रहेगा, उस समय होलिका दहन किया जा सकता है। जो लोग इस अवधि में दहन नहीं कर पाएं वे रात डेढ़ बजे के बाद होलिका दहन करें। फागुन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दोपहर 01:29 से प्रारंभ होकर अगले दिन दोपहर 12.47 तक रहेगी। उदया तिथि में 18 मार्च को पूर्णिमा रहने पर इसी दिन होली खेली जाएगी।

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भगवान शिव और श्रीहरि विष्णु की पूजा से समाप्त होते हैं सब दोष

होलिका दहन के दिन हरि-हर पूजा करनी चाहिए। हरि यानी भगवान विष्णु और हर मतलब शिव। फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर प्रह्लाद का जीवन विष्णु भक्ति की वजह से ही बचा था। तभी से हर वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन के साथ ही विष्णु पूजन की परंपरा भी चली आ रही है। लेकिन साथ ही इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से बीमारियां दूर होने लगती हैं और हर तरह के दोष भी खत्म होते हैं। इसलिए विद्वानों ने इस पर्व पर हरि-हर पूजा का विधान बताया है।

चंद्रमा को दें अर्घ्य

पूर्णिमा पर बन रहे सितारों के शुभ संयोग में चंद्रमा को अर्घ्य देने का विशेष महत्व रहेगा। फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा करने से रोग नाश होता है। इस त्योहार पर पानी में दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए। इसके बाद अबीर, गुलाल, चंदन, अक्षत, मौली, अष्टगंध, फूल और नैवेद्य चढ़ाकर चंद्रमा को धूप-दीप दर्शन करवाकर आरती करनी चाहिए। इस तरह से चंद्र पूजा करने से बीमारियां दूर होने लगती हैं।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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