Indira Ekadashi 2020 Festival : इंदिरा एकादशी पर इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा, मिलेगा धन, सुख और समृद्धि का वरदान

Indira Ekadashi 2020 Festival : इंदिरा एकादशी पर इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा, मिलेगा धन, सुख और समृद्धि का वरदान
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Indira Ekadashi 2020 Festival : इंदिरा एकादशी का व्रत 13 सितंबर 2020 (Indira Ekadashi Vrat 13 September 2020 ) को रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा (Lord Vishnu Puja) की जाती है। लेकिन इंदिरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए आपको इसकी पूजा विधि अवश्य जान लेनी चाहिए तो चलिए जानते हैं इंदिरा एकादशी की पूजा विधि।

Indira Ekadashi 2020 Festival : शास्त्रों में इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। क्योंकि यह एकादशी श्राद्ध पक्ष (Sharad Paksha Ekadashi) में पड़ती है। इस दिन जो भी व्यक्ति भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करता है। उसे जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है। यदि आप भी भगवान विष्णु की इस दिन पूजा करना चाहते हैं तो आपको इंदिरा एकादशी की पूजा विधि अवश्य जान लेनी चाहिए।

इंदिरा एकादशी की पूजा विधि (Indira Ekadashi Puja Vidhi)

1. इंदिरा एकादशी के नियमों का पालन साधक को दशमी तिथि से ही करना चाहिए।

2. इस दिन साधक को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

3. इसके बाद एक साफ चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़कें और उस पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।लेकिन याद रखें यह वस्त्र इस्तेमाल किया हुआ बिल्कुल भी न हो।

4. वस्त्र बिछाने के बाद उस चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

5.इसके बाद भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं। जिसमें तुलसीदल अवश्य हो फिर भगवान विष्णु को गंगाजल से स्नान कराएं।

6.भगवान विष्णु को स्नान कराने के बाद उन्हें पीले रंग के वस्त्र, पीले रंग के फूल, नैवेद्य और ऋतुफल अर्पित करें।

7. इसके बाद भगवान विष्णु के आगे धूप व दीप जलाएं और उनकी विधिवत पूजा करें।

8. इस दिन आपको इंदिरा एकादशी की कथा पढ़नी या सुननी अवश्य चाहिए।

9. कथा पढ़ने के बाद भगवान विष्णु की धूप व दीप से आरती उतारें।

10. इसके बाद उन्हें पीले रंग की मिठाई का भोग अवश्य लगाएं।

11. भगवान विष्णु को मिठाई का भोग लगाने के बाद उनसे पूजा में हुई किसी भी के लिए क्षमा याचना अवश्य करें।

12. इंदिरा एकादशी श्राद्ध पक्ष में पड़ती है। इसलिए अपने पितरों के नाम से किसी निर्धन व्यक्ति और ब्राह्मण को दान अवश्य दें।

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