Jagannath Rath Yatra 2023: यात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ हुए बीमार, वजह चौंकाने वाली

Jagannath Rath Yatra 2023: यात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ हुए बीमार, वजह चौंकाने वाली
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Jagannath Rath Yatra 2023: अगर कभी सेहत खराब होती है और लंबे समय तक बीमार रहते हैं तो भगवान से प्रार्थना करते हैं कि बस अब जल्द से जल्द स्वस्थ कर दीजिए। क्या आपको पता है कि भगवान भी हम इंसानों की तरह बीमार पड़ जाते हैं। केवल एक दो दिन नहीं बल्कि पूरे 15 दिन आराम की मुद्रा में आ जाते हैं। पढ़िये ऐसा क्या होता है, क्या है इसके पीछे की कहानी...

Jagannath Rath Yatra 2023: आप जब भी बीमार होते हैं, तो बस प्रार्थना यह रहती है कि जल्द से जल्द ठीक हो जाऊं। कभी-कभी आपने भी ऐसी स्थिति का सामना किया होगा, जब बीमारी के चलते एक या दो दिन नहीं, बल्कि लंबे समय तक भी बेड से उठने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। ऐसे में आप भगवान से दुआ मांगने लगते हैं कि जल्द से जल्द रिकवर हो जाऊं। यही नहीं, कई बार आपने डॉक्टरों को भी यह कहते हुए सुना होगा कि हमने पूरा प्रयास कर लिया है, अब भगवान से प्रार्थना कीजिए। क्या आपने कभी सुना है कि भगवान भी हम इंसानाें की तरह बीमार पड़ जाते हैं। जी हां, आपने सही सुना है, भगवान भी बीमार होते हैं। दरअसल, भगवान जगन्नाथ बीमार हो गए हैं। इतना ही नहीं, पिछले 15 दिनों से उनका उपचार चल रहा है। इस बीच उन्हें एकांतवास में रखा गया है। साथ ही, मंदिर के कपाट को भी बंद कर दिया गया है। अब बताते हैं कि जगन्नाथ यात्रा से 15 दिन पहले ही भगवान बीमार क्यों पड़ जाते हैं।

भगवान जगन्नाथ यात्रा से 15 दिन पहले क्यों होते हैं बीमार

भगवान जगन्नाथ 15 दिनों के लिए एकांतवास में चले जाते हें। इसके साथ ही ओडिसा के जगन्नाथ पुरी मंदिर में ज्येष्ठ मास के पूर्णिमा तिथि के दिन ही भगवान जगन्नाथ को सुभद्रा बहन और बड़े बलराम भाई के साथ गर्भगृह से बाहर निकाला जाता है। इसके बाद उन्हें स्नान कराया जाता है, जिसके बाद उन्हें बुखार आ जाता है। इस दौरान भगवान का उपचार किया जाता है। साथ ही भगवान को कई तरह की औषधियां भी खिलाई जाती है। इस समय उन्हें सादा खाना सादा भोग ही लगाया जाता है।

कब से शुरू हो जाएगी रथयात्रा

भगवान जगन्नाथ की भव्य और विशाल रथ यात्रा शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन ही निकाली जाती है। इस साल यानी 2023 में यह 20 जून दिन मंगलवार के लिए निकाली जाएगी। हालांकि, इस यात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ 15 दिन एकांतवास में ही रहते हैं।

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भगवान जगन्नाथ जाते हैं अपनी मौसी के घर

भगवान जगन्नाथ यात्रा की यह परंपरा प्राचीन समय से ही चलती आ रही है। वहीं, भगवान जगन्नाथ जैसे स्वस्थ हो जाते हैं, वैसे ही वे अपने रथ पर विराजमान होकर नगर की यात्रा करते हैं। साथ ही, कुछ दिनों के लिए गुजिया मंदि अपने मौसी के घर की आराम करने के लिए जाते हैं। इसके अलावा भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को देखने के लिए देश से ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग आते हैं।

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