Janmashtami 2020 Ki : जन्माष्टमी पर रख रहे हैं व्रत को इन नियमों का जरूर करें पालन, भगवान कृष्ण का मिलेगा पूर्ण आर्शीवाद

Janmashtami 2020 Ki : जन्माष्टमी पर रख रहे हैं व्रत को इन नियमों का जरूर करें पालन, भगवान कृष्ण का मिलेगा पूर्ण आर्शीवाद
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Janmashtami 2020 Ki : जन्माष्टमी का त्योहार (Janmashtami Festival) भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण (Lord Krishna) के भक्त उनके लिए व्रत भी रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं जन्माष्टमी व्रत के भी कुछ नियम होते हैं। जिनका पालन करना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है तो चलिए जानते हैं जन्माष्टमी व्रत के नियम।

Janmashtami 2020 Ki: जन्माष्टमी (Janmashtami ) साल 2020 में 11 अगस्त 2020 (11 August 2020) को मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने कृष्ण अवतार लिया था। इसी कारण से इस दिन व्रत रखने और भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा करने से सभी दुखों का अंत होता है। लेकिन जन्माष्टमी व्रत के नियमों का पालन करना आपके लिए अत्यंत आवश्यक नहीं तो आपको इस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होगा तो आइए जानते हैं क्या है जन्माष्टमी व्रत के नियम।

जन्माष्टमी व्रत के नियम (Janamashtami Vrat Ke Niyam)

1. कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के नियमों का पालन एक दिन पहले यानी सप्तमी तिथि से ही करना चाहिए।

2. इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए।

3. जन्माष्टमी का व्रत पूरी अष्टमी तिथि को रखा जाता है और रात 12 बजे भगवान कृष्ण के जन्म के बाद ही इस व्रत का पारण किया जाता है।

4. इस दिन भगवान कृष्ण के लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है और उनका श्रृंगार किया जाता है।

5. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण को, तुलसी, माखन, मिश्री और पीली मिठाई का भोग लगाया जाता है।

6.यदि आपने कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत किया है तो आपको इस दिन घर में कलेश बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

7. इस दिन भगवान कृष्ण के लड्डू गोपाल स्वरूप की पूजा की जाती है। इसलिए इस दिन अपने घर के बच्चों या किसी भी बच्चे को न तो मारें और न हीं डाटें।

8. जन्माष्टमी के दिन आपको घर में लहसून और प्याज का उपयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

9. आपको इस दिन पंजीरी और चरणामृत अवश्य बनाना चाहिए और भगवान कृष्ण के जन्म के बाद उन्हें भोग लगाकर इसी से अपने व्रत का पारण करना चाहिए।

10. भगवान कृष्ण के जन्म के बाद उन्हें झूला अवश्य झूलाएं। जन्माष्टमी व्रत भगवान कृष्ण को झूला झूलाएं बिना पूर्ण नही होता।

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