Janmashtami 2020 Fast Date : जन्माष्टमी पर जानिए कब पूजी जाएगी भगवान कृष्ण की छठी और क्या है इसके पीछे का रहस्य

Janmashtami 2020 Fast Date : जन्माष्टमी पर जानिए कब पूजी जाएगी भगवान कृष्ण की छठी और क्या है इसके पीछे का रहस्य
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Janmashtami 2020 Fast Date : भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव 11 अगस्त 2020 (Krishna Janmotsav 11 August 2020) को मनाया जाएगा। लेकिन उनकी छठी कब पूजा जाएगी। क्या आप इस बारे में जानते हैं। अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे की भगवान कृष्ण की छठी की तिथि (Lord Krishna Chatti Date) और उनकी छठी से जुड़ा रहस्य।

Janmashtami 2020 Fast Date : जन्माष्टमी का पर्व (Janmashtami Festival) भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान कृष्ण की छठी कब पूजी जाती है (Bhagwan Krishna Ki Chatti Kab Puji Jati Hai) और साल 2020 में क्या है भगवान श्री कृष्ण की छठी तिथि। अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं कब पूजी जाएगी भगवान श्री कृष्ण की छठी।

भगवान कृष्ण की छठी 2020 तिथि (Janmashtami 2020 Chatti Date)

10 अगस्त 2020

भगवान कृष्ण की छठी का रहस्य (Lord Krishna Chatti Secret)

बच्चे के जन्म के बाद छठे दिन छठी की पूजा की जाती है। लेकिन गोकुल में कृष्ण जन्माष्टमी से पहले यानी जन्मोत्सव से एक दिन पहले कान्हा जी की छठी की पूजा की जाती है। लेकिन इसके पीछे भी एक पौराणिक कथा है। जिसके अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद उनके पिता वासुदेव उन्हें अपने मित्र नंद के यहां छोड़ आए थे।जब कंस को यह बात पता चली तो उसने राक्षसी पूतना को उन सभी बच्चों को मारने का आदेश दिया जो छह दिन के थे।

बालक कृष्ण के जन्म को छह दिन पूरे हो चूके थे और उनकी छठी पूजन की तैयारी चल रही थी। लेकिन तभी पूतना वहां पर पहूंच गई और बाल कृष्ण को उठाकर ले गई और अपने स्तनों पर जहर लगाकर भगवान कृष्ण को पिलाने लगी। भगवान ने अपनी माया से पूतना के स्तनों से उसके प्राण चूस लिए और उसे मार दिया। लेकिन इस घटना से यशोदा मैय्या बहुत ही ज्यादा घबरा गईं और इन सब में छठी पूजन को भूल गईं।

छठी पूजन अधूरा रह गया। समय बितता चला गया और कान्हा जी का पहला जन्मदिन आ गया। बाल कृष्ण के पहले जन्मदिन के लिए यशोदा मैय्या ने गांव के सभी लोगो को न्यौता भिजवाया। लेकिन गांव वालो ने कहा की बालकृष्ण का छठी पूजन तो किया ही नही गया। तो फिर जन्मोत्सव कैसे मनाएंगे। इस समस्या के निवारण के लिए ब्राह्मणों से सलाह ली गई तो उन्होंने कहा कि जन्मदिन से पहले बालकृष्ण का छठी पूजन करना होगा।

ब्राह्मणों के सुझाव पर ही जन्मोत्सव से एक दिन पहले कान्हा जी की छठी पूजा की गई। इसी कारण से गोकुल में कृष्ण जन्माष्टमी से एक दिन पहले भगवान श्रीकृष्ण का छठी पूजन किया जाता है और उसके अगले दिन उनका जन्मदिवस।

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