Janmashtami 2020 Kab Hai : जन्माष्टमी पर जानिए क्यों लगाया जाता है भगवान श्री कृष्ण को 56 भोगों का भोग

Janmashtami 2020 Kab Hai : जन्माष्टमी का त्योहार (Janmashtami Festival) पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा अर्चना की जाती है और उन्हें 56 भोगों का भोग लगाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों भगवान कृष्ण को 56 भोगों (56 Bhog) का भोग लगाया जाता है। अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं जन्माष्टमी पर क्यों लगाया जाता है श्री कृष्ण को 56 भोगों का भोग।
भगवान कृष्ण को क्यों लगाया जाता है 56 भोगों का भोग (Bhagwan Krishna Ko 56 Bhogo Ka Bhog)
एक पौराणिक कथा के अनुसार माता यशोदा बालकृष्ण को एक दिन में अष्ट पहर का भोजन कराती थी। अर्थात् बालकृष्ण आठ पहर का भोजन करते थे। लेकिन जब इंद्र ने गोकुलवासियों से नाराज होकर भारी वर्षा आरंभ कर दी तो इंद्र देव के प्रकोप से गोकुलवासियों की रक्षा हेतू भगवान कृष्ण को अपने सबसे छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाए सात दिनों तक खड़े रहे और इन सात दिनों में भगवान कृष्ण ने किसी भी तरह का भोजन नहीं किया।
आठ पहर का भोजन करने वाले कान्हा को इस तरह से देखकर माता यशोदा और गोकुलवासी बड़े ही दुखी हुए और सात दिन बाद जब कान्हा नंदमहल वापस आए तो उनके स्वागत में माता यशोदा सहित सारे गोकुलवासियों ने सात दिनो तक उनके आठ पहर के हिसाब से 56 तरह के पकवान बनाए और अपने प्यारे कान्हा को अपने हाथों से भोग लगाया और तब से ही भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोगों का भोग लगाया जाता है।
भगवान कृष्ण की 56 भोग की थाली (Bhagwan Krishna Ki 56 Bhog Ki Thali)
जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की 56 भोग की थाली में रसगुल्ला, चंद्रकला, रबड़ी, शूली,दही,भात,दाल,चटनी,कढ़ी, साग,मठरी,बड़ा, कोणिका,पूरी,खजरा, अवलेह,वाटी,सिखरिणी,मुरब्बा,मधुर,कषाय,तिक्त,कटू पदार्थ,अम्ल,शक्करपारा,घेवर,चिला,मालपुआ,जलेबी,मेसूब,पापड़,सीरा,मोहनथाल,लौंगपूरी,खुरमा,गेहूं दलिया, परिखा,सौंफलघा,लड्डू,दूधीरूप,खीर,घी, मक्खन,मलाई,शाक,शहद,मोहनभोग,अचार,सूबत,मड़का,फल,लस्सी,मट्ठा,पान, सुपारी,इलायची
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