Jyotish Shastra : अगर आप भी कर रहे हैं कष्टों का सामना तो करें नवग्रह शांति के ये उपाय...

Jyotish Shastra : अगर आप भी कर रहे हैं कष्टों का सामना तो करें नवग्रह शांति के ये उपाय...
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  • ज्योतिष के अनुसार 12 राशियां और नौ ग्रह होते हैं।
  • 12 राशियों और नौ ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव से मानव जीवन प्रभावित होता है।
  • वन को सुखमय बनाने के लिए ग्रहों का शुभ होना बहुत आवश्यक है।

Jyotish Shastra : ज्योतिष के अनुसार 12 राशियां और नौ ग्रह होते हैं और उन्हीं 12 राशियों और नौ ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव से मानव जीवन प्रभावित होता है। ज्योतिष के मुताबिक मानव जीवन को सुखमय बनाने के लिए ग्रहों का शुभ होना बहुत आवश्यक है। ग्रहों की अशुभता की वजह से मानव जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए मानव जीवन को सुखमय बनाने के लिए नवग्रहों की शांति जातक की कुण्डली में आवश्यक होती है। अगर आपकी कुण्डली में भी नवग्रह अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं कि कैसे हम लोग नवग्रह शांति उपाय कर सकते हैं, जिससे हमारा जीवन सुखमय बन जाए।

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सूर्य

ज्योतिष के मुताबिक, सूर्य सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। सूर्य को ऊर्जा, पराक्रम, आत्मा, अहम्, यश, सम्मान, पिता और राजा का कारक ग्रह माना जाता है। कुण्डली में सूर्य को मजबूत बनाने के लिए अपने जनक अर्थात पिता की सेवा करनी चाहिए। पिता की सेवा करने से सूर्य शुभ प्रभाव देता है।

मंगल

ज्योतिष के मुताबिक, मंगल ग्रह सभी ग्रहों के सेनापति हैं। मंगल को शक्ति, पराक्रम, साहस, सेना, क्रोध, उत्तेजना, छोटे भाई, एवं शस्त्र का कारक ग्रह माना जाता है। कुण्डली में मंगल को मजबूत बनाने के लिए बड़े भाई- बहनों का आदर करना चाहिए।

गुरु

बृहस्पति को गुरु के नाम से भी जाना जाता है। गुरु को शिक्षा, अध्यापक, धर्म, बड़े भाई, दान, परोपकार, संतान आदि का कारक ग्रह माना जाता है। कुण्डली में बृहस्पति को मजबूत बनाने के लिए घर के बुजुर्गों की सेवा और सम्मान करना चाहिए।

शनि

शनि देव को न्याय का देवता भी माना जाता है। शनि को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक ग्रह माना जाता है। ज्योतिष के मुताबिक, ताऊ, चाचा और मामा का मान- सम्मान करने से कुंडली में शनि मजबूत होता है।

शुक्र

शुक्र को विवाह, प्रेम, सौन्दर्य, रोमांस, काम वासना, विलासिता, भौतिक सुख-सुविधा, पति-पत्नी, संगीत, कला, आदि का कारक ग्रह माना जाता है। कुण्डली में शुक्र को मजबूत बनाने के लिए स्त्रियों का सम्मान करना चाहिए और पत्नी को किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं देना चाहिए।

बुध

ज्योतिष के मुताबिक, बुध को सभी ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। बुध बुद्धि, तर्क, गणित, संचार, चतुरता, मामा और मित्र के कारक ग्रह हैं। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में बुध को मजबूत बनाने के लिए पुत्री,बहन, बुआ, मौसी का मान- सम्मान करें।

चंद्रमा

चंद्रमा को मन, माता, धन, यात्रा और जल का कारक ग्रह माना गया है। कुंडली में चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए मां की सेवा करनी चाहिए। मां की सेवा करने से चंद्रमा के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।

राहु और केतु

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राहु- केतु को पाप ग्रह माना जाता है। इन ग्रहों के अशुभ होने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुण्डली में राहु को मजबूत बनाने के लिए बड़े भाई की सेवा करें और केतु की अशुभता को दूर करने के लिए भांजे और भतीजों को प्रसन्न रखें।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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