Jyotish Shastra: बेलपत्र इन तिथियों में भूलकर भी ना तोड़ें, महादेव हो जाते हैं क्रोधित

Jyotish Shastra: हिन्दू धर्म में बेलपत्र का बहुत अधिक महत्व है। महादेव को सबसे अधिक बेलपत्र ही प्रिय है। अगर उन्हें कोई भी व्यक्ति सच्चे मन से बेलपत्र अर्पित करता है तो वे उसकी मनोकामना अवश्य ही पूरी करते हैं। वहीं आइए जानते हैं कि, भगवान शिव को बेलपत्र किसी खास उपाय के लिए समर्पित किया जाता है या कभी भी उन्हें बेलपत्र अर्पित करना शुभ रहता है।
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यदि किसी खास उपाय के लिए बेलपत्र का प्रयोग किया जाता है तो भोलेबाबा तुरंत ही उसका फल आपको दे देते हैं। ऐसे में लोग कई उपाय बेलपत्र से संबंधित करते हैं। वहीं सोमवार, त्रयोदशी, प्रदोष और शिवरात्रि व्रत में हमें बेलपत्र की विशेष आवश्यकता होती है। ऐसे में हमें विधि पूर्वक उपाय करने चाहिए। ऐसा करने से हमारे मन में संतुष्टि होती है और भोलेबाबा प्रसन्न होते हैं। तथा हमारी पूजा का पूर्ण फल हमें प्रदान करते हैं।
वहीं जब आप बेलपत्र तोड़ने जाएं तो यह ध्यान रखें कि, किन तिथियों को बेलपत्र को तोड़ना वर्जित माना गया हैं और इन तिथियों में आप बेलपत्र बिलकुल भी ना तोड़ें।
अष्टमी तिथि के दिन बेलपत्र नहीं तोड़ने चाहिए। साथ ही नवमी तिथि के दिन भी बेलपत्र नहीं तोड़ने चाहिए। वहीं चतुर्दशी के दिन भी बेलपत्र तोड़ना वर्जित माना जाता है। अमावस्या, सोमवार और संक्रांति के दिन भी बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए।
वहीं बहुत से लोग इन तिथियों में भी बेलपत्र तोड़ लेते हैं और गलतियां कर जाते हैं, जिससे उनकों शिव पूजा का फल नहीं मिलता है और उलटा वे लोग परेशानियों में पड़ जाते हैं। ऐसे में आप बेलपत्र कई बार भगवान को अर्पित कर सकते हैं और जब तक बेलपत्र खंडित ना हो तब तक आप बार-बार बेलपत्र यूज कर सकते हैं।
वहीं आप लोग वर्जित तिथियों से एक दिन पहले भी बेलपत्र तोड़कर रख सकते हैं और भगवान को अर्पित कर सकते हैं।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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