Jyotish Shastra : श्री कुबेर यंत्र घर में ऐसे करें स्थापित, शीघ्र ही होगा अपार धन लाभ

- जानें, श्री कुबेर यंत्र के लाभ
- जानें, श्रीयंत्र के लाभ
- जानें, लक्ष्मी यंत्र के लाभ
Jyotish Shastra : श्री कुबेर यंत्र एक ऐसा यंत्र है जिसे अपनी तिजोरी या अलमारी में रखने से आपके धन-वैभव में बढ़ोतरी हो सकती है। शास्त्रों में ऐसी है मान्यता है कि कुबेर यंत्र की साधना करने से धन के देवता कुबेर प्रसन्न होते हैं, जिससे घर-परिवार में माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। कुबेर यंत्र की स्थापना घर में करने से दरिद्रता का नाश होता है। धन में बढोत्तरी होने के साथ-साथ आपके मान-सम्मान में भी बढ़ोत्तरी होती है।
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हिन्दू सनातन धर्म में प्राचीन काल से ही यंत्रों का प्रयोग होता रहा है। ज्योतिष के मुताबिक, धन और परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए अनेक प्रकार के यंत्र बताए गए हैं। जैसे श्रीयंत्र, लक्ष्मी यंत्र आदि। जैसे श्रीयंत्र और लक्ष्मी यंत्र की साधना करने से धन की देवी माता लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं। वैसे ही कुबेर यंत्र की साधना करने से धन के देवता भगवान कुबेर अति प्रसन्न होते हैं। जिससे घर- परिवार में सदैव लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है और घर में कभी धन-दौलत की कोई कमी नहीं होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी का पूजन एक साथ किया जाता है तो वह यथाशीघ्र प्रसन्न होते हैं और इससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
कुबेर यंत्र के लाभ
कुबेर यंत्र की स्थापना से दरिद्रता का नाश होता है। धन में वृद्धि होने के साथ-साथ मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। वहीं जो लोग नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं उनके लिए भी कुबेर यंत्र कल्याणकारी माना गया है। व्यापारियों के लिए भी कुबेर यंत्र अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। कुबेर यंत्र को गल्ले, तिजोरी या फिर अलमारी में रखा जाता है। इसकी स्थापना से धन को किसी की बुरी नजर नहीं लगती। इसके प्रभाव से धन सदैव संचित रहता है। ऐसी मान्यता है कि कुबेर यंत्र को गल्ले पर स्थापित करने से व्यापार में वृद्धि होती है। भाग्योदय के लिए कुबेर यंत्र को घर या कार्यालय में स्थापित किया जा सकता है।
कुबेर यंत्र को सोने, अष्टधातु, भोजपत्र, ताम्रपत्र या कागज आदि कई रूपों में प्रयोग किया जाता है। इस यंत्र को घर के पूजन स्थल पर पूर्व दिशा में मंगलवार या शुक्रवार के दिन स्थापित करना चाहिए। इसके अलावा विजयदशमी, धनतेरस, दीपावली और रविपुष्य नक्षत्र के दिन भी इस यंत्र को स्थापित करना शुभ माना जाता है। इस यंत्र को स्थापित करने से पहले इसका शुद्धिकरण, प्राण प्रतिष्ठा किसी अनुभवी ज्योतिषी, आचार्य से करा लें।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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