Jyotish Shastra : जानें, ग्रहों का स्थान और उनकी दृष्टि का क्या होता है परिणाम

Jyotish Shastra : जानें, ग्रहों का स्थान और उनकी दृष्टि का क्या होता है परिणाम
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Jyotish Shastra : ज्योतिष में ग्रहों के स्थान और उनकी जिस स्थान पर दृष्टि पड़ रही हो, उसका विशेष महत्व होता है। क्योंकि इन्हीं के अनुसार ही ग्रहों के शुभ और अशुभ परिणाम के बारे में विचार किया जाता है। तो आइए जानते हैं ग्रहों की स्थिति और उनकी दृष्टि के अनुसार, उनके शुभ-अशुभ परिणाम के बारे में...

Jyotish Shastra : ज्योतिष में ग्रहों के स्थान और उनकी जिस स्थान पर दृष्टि पड़ रही हो, उसका विशेष महत्व होता है। क्योंकि इन्हीं के अनुसार ही ग्रहों के शुभ और अशुभ परिणाम के बारे में विचार किया जाता है। तो आइए जानते हैं ग्रहों की स्थिति और उनकी दृष्टि के अनुसार, उनके शुभ-अशुभ परिणाम के बारे में...

ज्योतिष की मानें तो चंद्र, शुक्र और बुध ग्रह जिस स्थान पर बैठें होते हैं, उसी भाव में उनके शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं।

ज्योतिष के अनुसार गुरु ग्रह जिस घर में बैठते हैं, वहां हानि करते हैं, लेकिन बृहस्पति जिस घर की ओर देख रहे होते हैं उसके शुभ प्रभाव में वृद्धि करता हैं।

मगंल ग्रह जिस भाव में बैठता है, वहीं शुभ परिणाम देता है और उसके अलावा प्रत्येक स्थान पर हानि करता है।

ज्योतिष के मुताबिक, सूर्यदेव अपने स्थान बल के अनुरुप दशम में सर्वाधिक शुभ प्रभाव देते हैं। इसके अलावा वे भी सभी जगह हानि ही पहुंचाते हैं।

वहीं ज्योतिष की मानें तो शनि ग्रह जिस घर में विराजमान होते हैं उसके शुभ फल में बहुत वृद्धि करते हैं। परन्तु जहां तक शनि की दृष्टि जा रही होती है वहां पर हानि ही हानि करते हैं।

ज्योतिष की मानें तो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में ग्रहों और उनकी स्थिति का विशेष योगदान होता है। क्योंकि ग्रह और व्यक्ति के कर्मों के शुभ-अशुभ प्रभाव से ही उसके भाग्य का निर्माण होता है। जीवन में आने वाले सुख-दुख में ग्रहों की बड़ी भूमिका होती है। ग्रहों के शुभ प्रभाव के कारण व्यक्ति का जीवन सुखमय हो जाता है और बुरे प्रभाव के कारण व्यक्ति को परेशानी और दुखों का समाना करना पड़ता है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)

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