Jyotish Shastra : हेमंत ऋतु में जरुर करें ये काम, मिलेगा पितृों का आशीर्वाद

Jyotish Shastra : 16 नवंबर 2022, से सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर करते ही हेमंत ऋतु प्रारंभ हो चुकी है और साथ ही अब सर्दी भी बढ़ने लगी है। वहीं हेमंत ऋतु हर साल अगहन और पौष मास के दौरान ही आती है। ज्योतिष में इस ऋतु को दक्षिणायन की आखिरी ऋतु माना जाता है। वहीं मकर संक्रांति के साथ ही हेमंत ऋतु समाप्त हो जाएगी और शिशिर ऋतु का प्रारंभ हो जाएगा। मकर संक्रांति के दिन ही सूर्यदेव दक्षिणायन ये उत्तरायण होते हैं। वहीं ज्योतिष की मानें तो हेमंत ऋतु को पितृों की ऋतु भी कहा जाता है। वहीं इस दौरान कुछ कार्य करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां छा जाती है और पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। तो आइए जानते हैं हेमंत ऋतु के दौरान क्या कार्य करने चाहिए।
हेमंत ऋतु के दौरान सूर्यदेव वृश्चिक और धनु राशि में गोचर करते हैं और इसी दौरान खरमास भी शुरू हो जाता है। वहीं इस ऋतु के दौरान लोगों के मन में सूर्य की ऐसी स्थिति के कारण धर्म और परोपकार के भाव आते हैं। हेमंत ऋतु के दौरान मानव का मन शांत रहता है। इसीलिए ये ऋतु पूजा-पाठ आदि के लिहाज से अहम मानी जाती है।
इस दौरान वातावरण शीतल बना रहता है। जिसके कारण मानव का मन अनायास ही भगवद भजन की ओर रम जाता है। भगवान की भक्ति में जब किसी भी व्यक्ति का मन लग जाता है तो उसके पितृ प्रसन्न होते हैं और ऐसे व्यक्ति को पितृ ऋण से मुक्ति मिल जाती है।
हेमंत ऋतु के दौरान पवित्र नदी, कुंड या सरोवर में स्नान करना भी पुण्यदायी माना जाता है। इस दौरान तीर्थों में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों का नाश हो जाता है।
वहीं इस दौरान स्नान-दान और पूजा-पाठ के साथ ही दान करना भी श्रेष्ठ माना जाता है।
हेमंत ऋतु को भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति के लिए भी उत्तम माना जाता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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