Jyotish Shastra : जेल से छुटकारा पाने के लिए करें इस स्तोत्र का पाठ, जानें इसकी सरल विधि

Jyotish Shastra : हिन्दू धर्म के पौराणिक धर्मग्रंथों की मानें तो इन धर्मशास्त्रों में कई ऐसे मंत्र और उपायों का वर्णन मिलता जो मनुष्य को कई परेशानियों से छुटाकारा दिलाने में सर्वाधिक उपयुक्त होते हैं। कई बार कुछ लोग बिना की वजह के किसी ना किसी मामले में फंस जाते हैं और अकाराण ही जेल चले जाते हैं। ऐसे लोग किसी षडयंत्र के तहत फंसा दिये जाते हैं और इन्हें जेल की यातनाएं भोगनी पड़ती हैं। साथ ही इन लोगों को जमानत कराने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और कई बार तो काफी समय के बाद भी इन लोगों की जमानत तक हो ही नहीं पाती है। ऐसे में अगर ये लोग या इनके परिवार को कोई सदस्य कुछ ज्योतिषीय उपाय कर ले तो इन्हें जेल से जल्दी ही छुटकारा मिल सकता है। तो आइए जानते हैं जेल से छुटकारा पाने के मंत्र और स्तोत्र के बारे में...
यदि आप या आपके परिवार के किसी भी व्यक्ति को किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी मामले में फंसाकर जेल भिजवा दिया गया है तो उसके लिए आप बंदीमोचन स्तोत्र का पाठ करें। इस स्तोत्र का विधिपूर्वक पाठ करने से शीघ्र ही लाभ मिलता है और फंसाये गये व्यक्ति को तत्काल ही जेल से राहत मिल जाती है।
बंदीमोचन मंत्र
ॐ अस्य श्रीवन्दी मोचनमय ऋषिः , त्रिष्टुप्छन्दः, ही बीजम्, हे कीलकम्, मम वन्दीमोचनार्थ जपे विनियोगः ।
ॐ हीं हं वन्दी देव्यै नमः । इति मन्त्रं अष्टोत्तरशतं जपः ।।
बंदीमोचन मंत्र का 108 किसी शुभ मुहूर्त में जाप करें और उसके बाद बंदीमोचन स्तोत्र का पाठ करना प्रारंभ कर दें। इस मंत्र और स्तोत्र का पाठ कोई भी पीड़ित व्यक्ति या उसके परिवार का सदस्य भी कर सकता है। ऐसा करने से पीड़ित व्यक्ति के जेल से छुटने योग बनते हैं।
बंदीमोचन स्तोत्रं
बन्दी देवी नमस्कृत्य वरदाभयशोभिताम् ।
तदग्रयां शरणं गच्छे शीघ्रं मोक्षं ददातु मे ||
बन्दी कमलपत्राची लोहश्रृंखलभजिनी ।।
प्रसादं कुरु मे देवि शीघ्रं मोक्ष ददातु मे ।।
त्वं बन्दी त्वं महामाया त्वं दुर्गा त्वं सरस्वती ।।
त्वं देवी रजनी चैव शीघ्रं मोक्षं ददातु में ।।
संसारतारिणी बन्दी सर्वकामप्रदायिनी ।।
सर्वलोकेश्वरी देवी शीघ्रं मोक्ष ददातु मे ।।
त्वं ही स्त्वमीश्वरी देवी ब्रह्माणी ब्रह्मवादिनी ।।
त्वं वै कल्पक्षयं कत्र शीघ्रं मोक्षं ददातु मे ।।
देवी धात्री धरित्री च धर्मशास्त्रार्थभाषिणी ।।
दुःश्वाम्बररागिणी देवी शीघ्र मोक्षं ददातु मे ।।
नमोऽस्तु ते महालक्ष्मि रत्नकुंडलभूषिते ।।
शिवस्यार्धागिनी चैव शीघ्रं मोक्षं ददातु मे ।।
नमस्कृत्य महादुर्गा भयादुत्तारिणीं शिवाम् ।।
महादु:खहरां चैव शीघ्रं मोक्षं ददातु मे ।।
इदं स्तोत्रं महापुण्यं यः पठेन्नित्यमेव च ।।
सर्वबन्धविनिर्मुक्तो मोक्षं च लभते क्षणात् ॥
धर्मशास्त्रों की मानें तो जेल से जल्दी ही छुटाकारा पाने के लिए इस स्तोत्र का जाप करने के साथ ही दशांश हवन भी किसी तांत्रिक या आचार्य से कराना चाहिए।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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