Jyotish Shastra : जन्म कुंडली से जानें कैसे बनता है षड्यंत्र योग

Jyotish Shastra : प्रत्येक मनुष्य जीवन में कभी ना कभी किसी ना किसी षड्यंत्र का शिकार जरुर होता है। वहीं षड्यंत्र में फंसे व्यक्ति को सबसे अधिक कष्ट तो तब होता है, जब उसके खिलाफ षड्यंत्र रचने वाले लोग स्वयं उसके सगे-संबंधी होते हैं। वहीं अधिकतर लोग ऐसी से लोगों के षड्यंत्र में फंस जाते हैं, जिन पर वे स्वयं से अधिक भरोसा करते हैं। ज्योतिष की मानें तो जन्म कुंडली से भी मानव के जीवन में होने वाले षड्यंत्रों का पता चल जाता है, लेकिन अधिकतर लोग इस पर ध्यान ही नहीं देते हैं। तो आइए जानते हैं जन्म कुंडली में बनने वाले षड्यंत्र योग के बारे में...
ज्योतिष की मानें तो जन्म कुंडली में लग्नेश अष्टम भाव में हो और उसके ऊपर किसी भी शुभ ग्रह की दृष्टि नही पड़ रही होती है। तो जातक अपने ही सगे-संबंधियों के द्वारा षड्यंत्र का शिकार हो जाता है। तथा अपने ही लोग उसे धोखा देकर उसका नुकसान करने लगते हैं।
ऐसी स्थिति जातक के लिए बहुत ही अधिक कष्टकारी होती है। क्योंकि जब किसी भी व्यक्ति को अपने रिश्ते-नातेदारों से धोखा मिलता है तो वह अंदर ही अंदर टूट जाता है और उसका जीवन बिखर जाता है। इसके बाद वह व्यक्ति सभी लोगों को शंका की दृष्टि से देखता है और किसी भी व्यक्ति पर वह विश्वास नहीं कर पाता है। ऐसी स्थिति में वह आत्मसंयम खो देता है अंदर ही अंदर डरने लगता है।
षड्यंत्र योग के कारण व्यक्ति की धन हानि के साथ ही कई बार सम्मान की भी हानि हो जाती है और वह स्वयं को ठगा महसूस करता है। इससे मानव के जीवन में आर्थिक, सामाजिक और अन्य कई नुकसान होते हैं।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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