Jyotish Shastra: कुबेर और माता लक्ष्मी के इस मंत्र जाप से मिलता है स्थिर धन-संपत्ति का लाभ, एक क्लिक कर जानें इसकी पूरी विधि

Jyotish Shastra: हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार, माना जाता है कि, देवी-देवताओं के मंत्रों में अपार शक्ति होती है। इन मंत्रों के जाप से जिस भी देवता की आप कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, उसे आप उसका आशीर्वाद पाने के लिए विवश कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। वहीं मानव जीवन में व्यक्ति के सामने सबसे बड़ी समस्या धन और मान-सम्मान की होती है। क्योंकि धन के बिना व्यक्ति को समाज में कोई नहीं पूछता। वहीं धन मां लक्ष्मी और देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर की कृपा से प्राप्त होता है। तथा धन लोगों के पास एक हाथ से आता है तो वहीं दूसरे हाथ से निकल जाता है। कभी किसी भी व्यक्ति के पास धन नहीं रूकता। क्योंकि धन की देवी मां लक्ष्मी बहुत ही चंचल स्वभाव की है और वे कही भी स्थायी रुप से नहीं ठहरती है। इसीलिए अगर किसी व्यक्ति की धन पाने की इच्छा हो तो उसे धन की देवी मां लक्ष्मी की उपासना और मंत्रों के जाप के साथ में कुबेर भगवान के मंत्रों का जाप और उनकी उपासना भी करनी चाहिए। तभी आपके पास स्थायी रुप से धन का ठहराव हो सकता है। तो आइए जानते हैं धन प्राप्ति के लिए धन के देवता कुबेर और मां लक्ष्मी के किन मंत्रों का जाप करें।
ये भी पढ़ें: रविवार के दिन करें ये खास उपाय, सूर्यदेव प्रसन्न होकर दिलाएंगे आपको धन-वैभव और सम्मान
कुबेर मंत्र
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
धन धान्य और समृद्धि के स्वामी श्री कुबेर जी का यह 35 अक्षरी मंत्र है। कुबेर देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं। इस मंत्र को उनका अमोघ मंत्र कहा जाता है। माना जाता है कि तीन महीने तक प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जाप करने से घर में किसी भी प्रकार धन धान्य की कमी नहीं होती। इस मंत्र में देवता कुबेर के अलग-अलग नामों एवं उनकी विशेषताओं का जिक्र करते हुए उनसे धन-धान्य एवं समृद्धि देने की प्रार्थना की गई है। वहीं अगर बेल के वृक्ष के नीचे बैठ कर इस कुबेर मंत्र का एक लाख बार जप किया जाये तो धन-धान्य रुप समृद्धि प्राप्त होती है।
कुबेर धन प्राप्ति मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
धन प्राप्ति की कामना करने वाले साधकों को कुबेर जी का यह मंत्र जपना चाहिये। इसके नियमित जप से साधक को अचानक धन की प्राप्ति होती है।
कुबेर अष्टलक्ष्मी मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
कुबेर और मां लक्ष्मी का यह मंत्र जीवन की सभी प्रकार से धन को देने वाला है, ऐश्वर्य, लक्षमी, दिव्यता, पद प्राप्ति, सुख सौभाग्य, व्यवसाय वृद्धि, अष्ट सिद्धि, नव निधि, आर्थिक विकास, सन्तान सुख उत्तम स्वास्थ्य, आयु वृद्धि, और समस्त भौतिक और परासुख देने में समर्थ है। शुक्ल पक्ष के किसी भी शुक्रवार को रात्रि में इस मंत्र की साधना शुरू करनी चाहिये।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS