Jyotish Shastra : कुंडली में मौजूद ये दोष आपके लिए बन सकता है बड़ी समस्या, समय रहते कर लें उपाय, वरना...

Jyotish shastra : ज्योतिष शास्त्र में सभी प्रकार के ग्रहदोष के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। क्योंकि ज्योतिष में कई इतने खतरनाक दोष हैं, जिनके कारण जीवन में उथल-पुथल मच जाती है। क्योंकि जब भी कुंडली में कोई दोष उत्पन्न होता है तो जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। जिनके कारण व्यक्ति को तनाव और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। वहीं ज्योतिष में तीन ग्रहदोष ऐसे बताए गए हैं, जिनके कारण व्यवसाय, प्रेम और पारिवारिक जीवन के साथ ही स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। यदि ये दोष किसी व्यक्ति की कुंडली में मौजूद होते हैं तो उन्हें कुछ ज्योतिषीय उपायों को अपनाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि इन उपायों को करने से वे लोग कई प्रकार की समस्याओं से स्वयं को और साथ ही अपने परिवार को बचा सकते हैं। तो आइए जानते हैं इन दोषों में से एक प्रमुख दोष के बारे में...
पितृदोष
पितृदोष से हिन्दू सनातन धर्म के सभी लोग परिचित होते हैं। वहीं सभी लोग जानते हैं कि जिन लोगों की कुंडली में पितृदोष होता है, उनसे उनके पूर्वज प्रसन्न नहीं हैं। इस दोष का निर्माण श्राद्धकर्म ना करने के कारण और पितृों की आत्मशांति हेतु पूजा-अनुष्ठान ना करने के कारण होता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र की मानें तो पितृदोष का निर्माण कुंडली में राहु के संग सूर्य की युति अथवा केतु और सूर्य की युति से होता है। इस दोष के कारण व्यक्ति की नौकरी में समस्या आती है और साथ ही इस दौरान जातक को धन हानि का भी सामना करना पड़ता है।
पितृदोष के उपाय
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो पितृदोष के प्रभाव को कम अथवा शांत करने के लिए जातक को काशी, हरिद्वार अथवा गया में एक बार पिण्डदान और तर्पण आदि करना आवश्यक है। वहीं साथ ही जातक को किसी विद्वान पुरोहित से पितृदोष निवारण पूजा-अनुष्ठान आदि भी करानी चाहिए। साथ ही अमावस्या तिथि के दिन सफेद गाय को हरी घास खिलाएं और रोजाना कौआ आदि परिंदों को भोजन खिलाएं। इन उपायों का पालन करने से मनुष्य के ऊपर पितृदोष का नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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