Jyotish Shastra : जीवन में चाहिए भाग्य का साथ तो जरूर करें ये काम, वरना...

Jyotish Shastra : सुखी जीवन जीने के लिए हिन्दू शास्त्रों में अनेक नियम, रीति रिवाज और परंपराएं बताई गई हैं। इन नियमों, रीति रिवाज और परंपराओं का पालन करने पर व्यक्ति को अक्षय पुण्य के साथ ही धन-संपत्ति की प्राप्त होती है, भाग्य से संबंधित बाधाएं दूर हो सकती हैं। धर्मशास्त्रों में वर्णित एक श्लोक जिसमें 6 ऐसे कार्य बताए गए हैं जिनका पालन करने पर वो आपका भाग्य भी बदल सकते हैं।
श्लोक
विष्णुरेकादशी गीता तुलसी विप्रधेनव:।
असारे दुर्गसंसारे षट्पदी मुक्तिदायिनी।।
इस श्लोक में छह बातें बताई गई हैं, जिनका ध्यान जीवन में रखने पर मनुष्य की सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो सकती हैं।
भगवान विष्णु का पूजन
इन छह बातों में पहला काम है भगवान विष्णु की पूजा करना। भगवान विष्णु परमात्मा के तीन स्वरूपों में से एक जगत के पालक माने गए हैं। श्रीहरि ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि और शांति के स्वामी भी हैं। विष्णु अवतारों की पूजा करने पर धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष, सब कुछ प्राप्त हो सकता है।
एकादशी व्रत
इस श्लोक में दूसरी बात बताई गई है एकादशी व्रत। ये व्रत भगवान विष्णु को ही समर्पित है। हिन्दी पंचांग के अनुसार हर माह में दो एकादशी आती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। दोनों ही पक्षों की एकादशी पर व्रत करने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। आज भी जो लोग सही विधि और नियमों का पालन करते हुए एकादशी व्रत करते हैं, उनके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
गीता पाठ
मान्यता है कि श्रीमद् भागवत गीता भगवान श्रीकृष्ण का ही साक्षात् ज्ञानस्वरूप है। जो लोग नियमित रूप से गीता का या गीता के श्लोकों का पाठ करते हैं, वे भगवान की कृपा प्राप्त करते हैं। जो भी शुभ काम करें, भगवान का ध्यान करते हुए करें, सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
तुलसी
घर में तुलसी होना शुभ और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, ये बात विज्ञान भी मान चुका है। तुलसी की महक से वातावरण के सूक्ष्म हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। घर के आसपास की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। साथ ही, तुलसी की देखभाल करने और पूजन करने से देवी लक्ष्मी सहित सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
ब्राह्मण का सम्मान
मान्यताओं के अनुसार ब्राह्मण सदैव आदरणीय माने गए हैं। जो लोग इनका अपमान करते हैं, वे जीवन में दुख प्राप्त करते हैं। ब्राह्मण ही भगवान और भक्त के बीच की अहम कड़ी है। ब्राह्मण ही सही विधि से पूजन आदि कर्म करवाते हैं। शास्त्रों का ज्ञान प्रसारित करते हैं। दुखों को दूर करने और सुखी जीवन प्राप्त करने के उपाय बताते हैं। अत: ब्राह्मणों का सदैव सम्मान करना चाहिए।
गऊ सेवा
इस श्लोक में गौ यानि कि गाय का भी महत्व बताया गया है। जिन घरों में गाय होती है, वहां सभी देवी-देवता वास करते हैं। गाय से प्राप्त होने वाले दूध, मूत्र और गोबर पवित्र और स्वास्थ्यवर्धक हैं। ये बात विज्ञान भी स्वीकार कर चुका है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से केंसर जैसी गंभीर बीमारी में भी राहत मिल सकती है। यदि गाय का पालन नहीं कर सकते हैं तो किसी गौशाला में अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार धन का दान किया जा सकता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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