Jyotish Shastra : महालक्ष्मी जी के पुत्रों को करें याद हमेशा भरी रहेगी आपकी जेब, जानिए उनके नाम और मंत्र

- माता महालक्ष्मी (Mahalaxmi) के 18 पुत्रों की उपासना
- इन मंत्रों के जप से माता महालक्ष्मी आपके पास दौड़ी चली आएंगी।
Jyotish Shastra : धन कमाने, बचाने और अपनी जरुरतों पर खर्च करने की इच्छा सभी लोगों को होती हैं। सभी लोग चाहते हैं कि धन उनकी तिजोरियों में भरा रहे, लेकिन धन चल संपत्ति है और लक्ष्मी जी का स्वभाव भी चंचल हैं, वो कहीं भी और कभी भी रुकती नहीं हैं। परन्तु अगर किसी भी व्यक्ति पर लक्ष्मीजी की कृपा बरस जाए तो उसकी जिंदगी बड़े ही आराम से कटती है। तो आइए जानते हैं लक्ष्मी जी कृपा प्राप्त करने के उपायों के बारे में जिससे आपको सभी प्रकार के सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति हो जाए।
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माता महालक्ष्मी के 18 पुत्रों की उपासना
ज्योतिषविदों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी के 18 पुत्रों की उपासना करने पर माता महालक्ष्मी आपके पास दौड़ी चली आएंगी। और आपको मनवांछित आशीर्वाद प्रदान कर सकती हैं। ज्योतिष के अनुसार अगर आपको अचानक पैसों की दिक्कत हो जाती हैं तो कहा जाता है कि माता महालक्ष्मी के पुत्रों का नाम पुकारने मात्र से ही धन की दिक्कत समाप्त हो जाती हैं।
ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि महालक्ष्मी हमेशा तीन स्थानों पर ही सदैव वास करती हैं।
1. जहां गणेशजी का पूजन किया जाता है वहां हमेशा महालक्ष्मी वास करती हैं।
2. जहां भगवान श्रीहरि की पूजा की जाती है वहां भी महालक्ष्मी जी का वास रहता है।
3. जो व्यक्ति दुखी और जरूरतमंद लोगों की सहायता करते हैं उनके यहां भी लक्ष्मी जी वास करती हैं लेकिन अचानक से धन की जरूरत पड़ने पर लक्ष्मी जी अपने पुत्रों को पुकारने वाले मनुष्य की हमेशा ही मदद करती हैं।
ऋग्वेद में माता महालक्ष्मी जी के पुत्रों के नाम का एक श्लोक है और ऐसा माना जाता है कि जब भी आप कभी किसी दिक्कत का सामना कर रहे हों और आपको धन की जरूरत आन पड़े महालक्ष्मी जी के पुत्रों का स्मरण आप शुक्रवार से करना शुरू कर दें तो महालक्ष्मी जी किसी ना किसी साधन से आपको धन की व्यवस्था कर देती हैं।
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महालक्ष्मी जी के 18 पुत्रों के नाम और मंत्र
- ॐ देवसखाय नम:
- ॐ चिक्लीताय नम:
- ॐ आनन्दाय नम:
- ॐ कर्दमाय नम:
- ॐ श्रीप्रदाय नम:
- ॐ जातवेदाय नम:
- ॐ अनुरागाय नम:
- ॐ सम्वादाय नम:
- ॐ विजयाय नम:
- ॐ मदाय नम:
- ॐ वल्लभाय नम:
- ॐ हर्षाय नम:
- ॐ बलाय नम:
- ॐ तेजसे नम:
- ॐ दमकाय नम:
- ॐ सलिलाय नम:
- ॐ गुग्गुलाय नम:
- ॐ कुरूण्टकाय नम:
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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