Jyotish Shastra: जानें, चमत्कारी मंत्रों से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कैसे करें दूर

Jyotish Shastra: जानें, चमत्कारी मंत्रों से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कैसे करें दूर
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Jyotish Shastra: संसार के सभी प्राणियों पर ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव किसी न किसी तरह अवश्य होता है। हिन्दू धर्मशास्त्रों के मुताबिक संपूर्ण प्रकृति ही ईश्वर का विराट रूप मानी जाती है। वहीं हिन्दू सनातन धर्म में सभी ग्रह और नक्षत्रों को अलग-अलग किसी ना किसी देव स्वरूप से जोड़कर देखा जाता है। वहीं इन ग्रह और नक्षत्रों के शुभ-अशुभ प्रभाव जीवन के सुख-दु:ख, लाभ-हानि को निश्चित करने वाले माने जाते हैं।

Jyotish Shastra: संसार के सभी प्राणियों पर ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव किसी न किसी तरह अवश्य होता है। हिन्दू धर्मशास्त्रों के मुताबिक संपूर्ण प्रकृति ही ईश्वर का विराट रूप मानी जाती है। वहीं हिन्दू सनातन धर्म में सभी ग्रह और नक्षत्रों को अलग-अलग किसी ना किसी देव स्वरूप से जोड़कर देखा जाता है। वहीं इन ग्रह और नक्षत्रों के शुभ-अशुभ प्रभाव जीवन के सुख-दु:ख, लाभ-हानि को निश्चित करने वाले माने जाते हैं। इसलिए अलग-अलग ग्रहों की उपासना से जीवन से जुड़ी सभी मनोकामनाओं और सुखों की पूर्ति करने के लिए उपासना और मंत्र जप आदि के उपाय बताए गए हैं। तो आइए जानते हैं ग्रह और नक्षत्रों के अशुभ प्रभाव को दूर करने वाले मंत्र और उपायों के बारे में...

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ज्योतिष के मुताबिक किसी भी व्यक्ति का जीवन एक या अनेक ग्रह-नक्षत्रों के अच्छे-बुरे योगों से प्रभावित होता रहता है। ग्रहदोष शांति और ग्रह-नक्षत्रों को अनुकूल बनाने और ग्रह-नक्षत्रों के प्रभाव से आपके जीवन में हुए परेशानी को दूर करने के लिए शास्त्रों में एक ऐसा मंत्र बताया गया है, जिसमें सभी नवग्रहों का स्मरण एक ही बार में हो जाता है। इसीलिए ग्रहों की अनूकुलता से जीवन में सुख-शांति पाने के लिए प्रतिदिन नवग्रह मंत्र का जप करें।

नवग्रह मंत्र की विधि

सुबह नित्यक्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान आदि करने के पश्चात नवग्रह मंदिर अथवा घर के देवालय में नवग्रहों को विशेष पूजा करें। अगर आप नवग्रह को अर्पित करने वाली सामग्री भी ना जुटा पाएं तो आप केवलमात्र गंध, अक्षत, फूल और नैवेद्य अर्पितकर नवग्रह मंत्र का स्मरण कर धूप, दीप से नवग्रहों की आरती करें।

नवग्रह मंत्र

ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरान्तकारी भानु शशि भूमि-सुतो बुधश्च।

गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव: सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।

आरती की पवित्र जोत की ऊर्जा दोनों हथेलियों से ग्रहण कर सिर से पैरों तक फेरें। ऐसा करना नवग्रहों की प्रसन्नता और शुभ प्रभाव के लिए शुभ माना गया है।

हनुमान जी का उपाय

हनुमान जी की प्रतिमा के पास देसी घी का एक मुखी दीपक जला कर लड्डूओं का भोग बजरंगबली को लगाने के पश्चात आप हनुमान जी का ध्यान करते हुए उनके किसी मंत्र अथवा हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन सुबह-शाम नियमित रूप से करें। हनुमान जी को लड्डूओ का भोग लगाने मात्र से ही सभी नवग्रह आपके अनुकूल हो जाएंगे।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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