Jyotish Shastra : जानें , धन हानि के कारण और गरीबी से निजात पाने के ये अचूक उपाय

Jyotish Shastra : एक समय था जब आपके पास सबकुछ था, अपार धन-दौलत, सुख-वैभव, मान-सम्मान, ऐश्वर्य और कुद ही समय बाद अब सब कुछ चला गया। मतलब कि अब आप किसी दूसरे व्यक्ति के सहारे अपना जीवन यापन कर रहे हैं और जिंदगी गरीबी और मजबूरी बनकर रह गई है, तो ऐसी स्थिति का क्या कारण हो सकता है, यह जानने की जरुरत है। कहीं आपकी कुंडली की इस स्थिति के कारण तो आपकी स्थिति ऐसी नहीं नहीं हो गई है, यदि यह स्थिति आपकी कुंडली के कारण हुई है तो इसके लिए ज्योतिष में अनेक प्रकार के उपाय बताए गए है जिनका प्रयोग करके आप गरीबी की स्थिति से निजात पा सकते हैं। तो आइए जानते हैं गरीबी और मजबूरी का कारण और उससे निजात पाने के अचूक उपायों के बारे में...
गरीबी और मजबूरी के कारण
कई बार ऐसा भी होता है कि, आपकी कुंडली के ग्रह सही हैं परंतु व्यक्ति अपने कर्मों के कारण भी गरीब और मजबूर हो जाता है। अब यदि किसी को शराब पीने और जुआ खेलने की लत लग गई है तो उसका कुछ नहीं कर सकते।
लाल किताब के अनुसार शनि, राहु और केतु के मंदे कार्य करने से भी व्यक्ति का जीवन गरीबी और संकट में ही गुजर जाता है।
लाल किताब के अनुसार यदि शनि 7वें भाव में है और उसी समय सूर्य, चंद्र या मंगल में से कोई एक या कोई दो या तीनों ही ग्रह तीसरे, पांचवें या सातवें भाव में स्थित हैं तो जातक की जिंदगी बर्बाद ही समझो। यदि कोई पुण्य कार्य किए होंगे तो ही उसकी जिंदगी सही होगी।
गरीबी से निजात पाने के अचूक उपाय
1. सबसे पहले तो अपने कर्म सुधारे और शनि, राहु और केतु के मंदे कार्य न करें।
2. 43 दिन तक गुड़ और गेहूं का दान दें और उसके बाद अगले तीन साल तक गुड़ और गेहूं का रविवार को मंदिर में दान देते रहें।
3. यदि शनि 7वें और चंद्र एवं मंगल तीसरे, पांचवें या सातवें भाव में एकत्रित हों तो 43 दिन तक हलवे में दूध मिलाकर मंदिर में बांटे और अगले तीन वर्षों तक हर मंगलवार को मंदिर में हलवा बांटें।
4. यदि सातवें भाव में शनि विराजमान हैं और चंद्रमा अकेले तीसरे, पांचवें या सातवें भाव में हो तो ऐसी अवस्था में चावल में दूध मिलाकर 43 दिन तक दान करें और इसके बाद अगले तीन साल तक हर सोमवार को मंदिर में दान करें।
5. प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें और मंगलवार एवं शनिवार को उनके मंदिर में जाकर चमेली के तेल का दीपक जलाएं और उन्हें सिंदूर अर्पित करें। तीन वर्ष तक यह क्रम जारी रहना चाहिए।
ध्यान रखें कि, करीब 43 दिन में संकट का समाधान होना प्रारंभ होता है और 3 साल में सभी कुछ पहले जैसा हो जाता है, परंतु इसके लिए आप किसी विशेषज्ञ को अपनी कुंडली दिखाकर ही ये उपाय कर सकते हैं।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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