Jyotish Shastra: शनिदेव पीड़ा से मुक्ति के लिए ऐसे करें भगवान शिव की पूजा

Jyotish Shastra: शनिदेव पीड़ा से मुक्ति के लिए ऐसे करें भगवान शिव की पूजा
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Jyotish Shastra: शनिदेव के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की अनेक प्रकार से पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं शास्त्रों में शनिदेव को न्याय और दंड देने वाला देव यानि न्यायाधीश माना जाता है। जोकि कर्म के अनुसार जातक का दंड निश्चित करते हैं। वहीं शनि की कृपा से अनेक प्रकार के लाभ भी जातक के जीवन में होते हैं। तथा जातक शनि पीड़ा से बचने के लिए अनेक प्रकार के उपाय भी करते हैं, जिससे उसके जीवन में खुशहाली और संपन्नता बनी रहे। तो आइए आज जानते हैं शनि पीड़ा को दूर करने के कुछ अचूक उपायों के बारे में...

Jyotish Shastra: शनिदेव के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की अनेक प्रकार से पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं शास्त्रों में शनिदेव को न्याय और दंड देने वाला देव यानि न्यायाधीश माना जाता है। जोकि कर्म के अनुसार जातक का दंड निश्चित करते हैं। वहीं शनि की कृपा से अनेक प्रकार के लाभ भी जातक के जीवन में होते हैं। तथा जातक शनि पीड़ा से बचने के लिए अनेक प्रकार के उपाय भी करते हैं, जिससे उसके जीवन में खुशहाली और संपन्नता बनी रहे। तो आइए आज जानते हैं शनि पीड़ा को दूर करने के कुछ अचूक उपायों के बारे में...

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शास्त्रों के अनुसार शिव, शम्भु स्वरूप में जगत के हर प्राणियों पर सुख, शांति और सौंदर्य के रूप में आनंद बरसाते हैं। वहीं न्याय के देवता शनि के आरध्य देव भी भगवान शिव को ही माना जाता है। इसलिए धार्मिक उपायों में शनि के प्रकोप में भी सुखद नतीजे पाने के लिए शनिवार को भगवान शिवजी को दूध चढ़ाना या पंचामृत से स्नान भी बड़ा ही शुभ माना गया है।

पंचामृत में दूध का अहम हिस्सा होता है। विशेष मंत्र के साथ शिव को चढ़ाया हुआ दूध विशेष रूप से सुख और प्रत्येक मनोकामना सिद्धि के साथ नवग्रहों खासतौर पर शनि ग्रह दोष शांति व शनि दशा को अनुकूल बनाने वाला माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिव को दूध चढ़ाने के पीछे असल में गऊ माता के दूध से जुड़ी पावनता की तरह ही सोच, व्यवहार में भी स्नेह और लगाव, प्रेम व साफ-सुथरे भावों को उतारकर सुख और आनंद से जीवन बिताने का संदेश निहित है।

शिव को दूध पंचामृत के साथ या अलग से भी चढ़ाया गया दूध बहुत शुभ और उत्तम फल प्रदान करता है। वहीं भगवान शिव को दूध चढ़ाने के दौरान विशेष मंत्र का जाप करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं और शनिदेव समेत सभी नवग्रह जातक के ऊपर अपनी कृपादृष्टि रखते हैं।

मंत्र

ॐ कामधेनु समुद्भूतं सर्वेषां जीवनं परम्।

पावनं यज्ञहेतुश्च पय: स्नानाय गृहृताम्।।

ॐ शिवाय नम:। पय: स्नान समर्पयामि

इस मंत्र का जाप करते हुए शनिवार के दिन भगवान शिव का दूध से अभिषेक करें अथवा शिवलिंग या शिव प्रतिमा पर दूध की धारा अर्पित करें। इसके बाद सभी पूजन सामग्री भगवान शिव को अर्पित करें। तथा इसके बाद भगवान शिव की आरती करके शनि पीड़ा से मुक्ति की कामना करें।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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