JyotiSh Shastra: शनि और मंगल के शुभ फल पाने के लिए आज से ही सुधार लें अपनी आदत, वरना बढ़ सकती हैं जीवन में परेशानी

JyotiSh Shastra: शनि और मंगल के शुभ फल पाने के लिए आज से ही सुधार लें अपनी आदत, वरना बढ़ सकती हैं जीवन में परेशानी
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JyotiSh Shastra: ज्योतिष शास्त्र में शनि क्रूर और मंगल को एक उग्र ग्रह बताया गया है। ये दोनों ही ग्रह शुभ होने पर जहां मनुष्य को छप्पर फाड़कर लाभ दिलाते हैं, तो वहीं अशुभ होने पर जीवन को कष्ट और परेशानियों से भी भर देते हैं। ये दोनों ही ग्रह बुरी आदतों के कारण आपको बहुत जल्दी ही खराब और परेशानियां प्रदान करते हैं। इसीलिए कुछ कार्यों को कभी नहीं करना चाहिए।

JyotiSh Shastra: ज्योतिष शास्त्र में शनि क्रूर और मंगल को एक उग्र ग्रह बताया गया है। ये दोनों ही ग्रह शुभ होने पर जहां मनुष्य को छप्पर फाड़कर लाभ दिलाते हैं, तो वहीं अशुभ होने पर जीवन को कष्ट और परेशानियों से भी भर देते हैं। ये दोनों ही ग्रह बुरी आदतों के कारण आपको बहुत जल्दी ही खराब और परेशानियां प्रदान करते हैं। इसीलिए इन कार्यों को कभी नहीं करना चाहिए। शनि को कलयुग का दंडाकारी भी बताया गया है और शनिदेव को कर्मफलदाता और न्यायाधीश भी कहा जाता है। माना जाता है कि, मनुष्य के अच्छे-बुरे कार्यों के आधार पर ही शनिदेव फल प्रदान करते हैं। यदि मनुष्य नेकी के रास्ते पर चलता है और अच्छे कार्य करता है तो शनिदेव उसे शुभ फल प्रदान करते हैं। ऐसे लोग जीवन में अपार सफलता प्राप्त करते हैं। वहीं शनिदेव कुछ कामों को करने से बहुत जल्दी नाराज होते हैं। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो कार्य जिनको करने से शनिदेव और मंगलदेव नाराज होते हैं तथा इन दोनों ही ग्रहों को प्रसन्न करने के उपायों के बारे में...

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कमजोर लोगों को परेशान करने से शनिदेव बहुत जल्दी ही रूष्ट हो जाते हैं। इसीलिए हमें कभी भी कमजोर लोगों को नहीं सताना चाहिए। धंधा कभी भी दूसरों को आहत करने के लिए ना करें। परिश्रम करने वालों को कभी परेशान ना करें। पशु-पक्षियों को कभी कष्ट ना पहुंचाएं। नियमों को ना तोड़ें। लोभ ना करें और किसी भी व्यक्ति का अनादर ना करें।

मंगल ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का सेनापति बताया गया है। मंगल को साहस और रक्त आदि का कारक माना गया है। वहीं मंगल को ऊर्जा का भी कारक माना जाता है। मंगल जब अशुभ होता है तो व्यक्ति के स्वभाव में विशेष परिवर्तन लाता है। जिसके कारण संकटों का सामना करना पड़ता है। इसीलिए इन कार्यों को नहीं करना चाहिए।

  • कोध्र नहीं करना चाहिए।
  • दूसरों का अपमान करने से बचें।
  • हर प्रकार के नशे से दूर रहें।
  • अहंकार ना करें।
  • कटु वचनों का प्रयोग ना करें।
  • गलत संगत से दूर रहें।

शनि और मंगल को शांत करने के लिए हमें कुछ उपाय करने चाहिए। इन उपायों को करने से ग्रह शांत होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।

शनिवार का दिन शनिदेव और मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। हनुमान जी और शनिदेव की पूजा करने से सभी ग्रह शुभ होते हैं। दान और पुण्य के कार्यों को करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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