Jyotish Shastra : शिवलिंग पर कलश से क्यों टपकता है जल, जानें ये महत्वपूर्ण कारण

Jyotish Shastra : भगवान शिव को देवों का देव कहा जाता है। भगवान शिव की पूजा से जीवन आनंदमय बना रहता है। भगवान शिव के शिवजी, महादेव और शंकर आदि अनेकों नाम हैं। वहीं उन्हें भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि शिव कोमल हृदय और करूणा के सागर हैं। इसीलिए कहा जाता है कि भगवान शिव भक्तों की सच्ची श्रद्धा को देखकर ही कृपा बरसाते हैं। जब भी हम लोग शिव मंदिर जाते हैं तो एक चीज अवश्य देखते हैं। हम देखते हैं कि शिवलिंग के ऊपर एक कलश लटका हुआ होता है और उस कलश से बूंद-बूंद पानी शिवलिंग पर टपकता रहता है। लेकिन शिवलिंग पर कलश से बूंद-बूंद पानी गिरने का आखिर क्या मतलब होता है। तो आइए जानते हैं शिवलिंग पर कलश से बूंद-बूंद पानी गिरने के रहस्य के बारे में...
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, शिवलिंग पर कलश से बूंद-बूंद पानी टपकने का रहस्य समुद्र मंथन की घटना से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय जब देवादिदेव महादेव से हलाहल विष को ग्रहण किया था तब उनका मस्तक और गला गर्म हो गया था। जिसके बाद महादेव को ठंडक पहुंचाने के लिए उनके ऊपर जल डाला गया। जिससे महादेव को बहुत आराम मिला।
तभी से महादेव को जलाभिषेक बेहद ही प्रिय लगने लगा। इसीलिए शिवलिंग पर जलाभिषेक करना काफी शुभ होता है और तभी से शिवलिंग पर कलश से बूंद-बूंद जल अर्पित करने की परंपरा प्रारंभ हुई। इसीलिए यही कारण है कि शिवलिंग पर बूंद-बूंद कर जल अर्पित किया जाने लगा। जिससे महादेव को गले और मस्तक में राहत महसूस हो। ऐसा करने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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