Jyotish Shastra: शीघ्र विवाह एवं दांपत्य सुख पाने के लिए कर लें ये काम, होगा चट मंगनी पट ब्याह

Jyotish Shastra: शीघ्र विवाह एवं दांपत्य सुख पाने के लिए कर लें ये काम, होगा चट मंगनी पट ब्याह
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Jyotish Shastra: विवाह संस्कार मानव जीवन के 16 संस्कारों मेंबहुत खास संस्कार होता है। विवाह संस्कार के बिना व्यक्ति गृहस्थ जीवन में प्रवेश नहीं कर सकता है। वहीं विवाह संस्कार के लिए मनुष्य की कुंडली में ग्रह और नक्षत्रों का शुभ संयोग और उनका अनुकूल होना भी आवश्यक होता है। वहीं ग्रह और नक्षत्रों के अनुकूल ना होने पर व्यक्ति के विवाह में कई प्रकार की अड़चनें आ जाती हैं और ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति का विवाह संस्कार पूर्ण नहीं हो पाता है।

Jyotish Shastra: विवाह संस्कार मानव जीवन के 16 संस्कारों में बहुत खास संस्कार होता है। विवाह संस्कार के बिना व्यक्ति गृहस्थ जीवन में प्रवेश नहीं कर सकता है। वहीं विवाह संस्कार के लिए मनुष्य की कुंडली में ग्रह और नक्षत्रों का शुभ संयोग और उनका अनुकूल होना भी आवश्यक होता है। वहीं ग्रह और नक्षत्रों के अनुकूल ना होने पर व्यक्ति के विवाह में कई प्रकार की अड़चनें आ जाती हैं और ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति का विवाह संस्कार पूर्ण नहीं हो पाता है। वहीं अगर आपके जीवन में भी ऐसी ही स्थिति बन गई है और आपके विवाह की आयु बीतने वाली है। तथा आपका विवाह नहीं हो पा रहा है तो ग्रह और नक्षत्रों को अनुकूल बनाने के लिए हमारे धर्मशास्त्रों में कई उपाय बताए गए हैं। जिनका प्रयोग करके आप ग्रह और नक्षत्रों को अपने अनुकूल बना सकते हैं। ऐसा करने से आपके जीवन में चल रही बाधाएं दूर होती हैं और आपके विवाह के योग बनने लगते हैं। तथा दांपत्य जीवन में आपको मधुर आनन्द की प्राप्ति होती है।

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  1. सीता राम की तस्वीर या मूर्ति के सामने रामचरित मानस की निम्न चैपाई की प्रतिदिन एक तुलसी माला जाप 41 दिनों तक करनी चाहिये। सुनिसिय सत्य असीस हमारी। पूजहिं मन कामना तिहारी।।
  2. पुष्य नक्षत्र में प्रातः या सायं तुलसी पौधे के पास शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें और लगातार 41 दिनों तक 'तब जनक पाय वशिष्ठ आयसु ब्याह साजी संवारी के। मांडवी श्रुति की रति उर्मिला कुंआरी लई हंकारि के।।' मंत्र का एक तुलसी माला जप करें।
  3. प्रतिदिन या प्रत्येक मंगलवार को प्रातः उठते ही कन्या काले कीडे़-मकोड़ां को चीनी, तिल एवं चावल मिलाकर नियमित खिलायें। जब तक विवाह के योग ना बन जाएं क्रम टूटना नहीं चाहिए।
  4. प्रतिदिन गाय को हरा पालक या चारा खिलायें।
  5. कच्चा दूध व जल मिलाकर प्रतिदिन : ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर चढ़ायें।
  6. मंदिर के प्रांगण में अनार का पेड़ लगाकर प्रतिदिन इसे जल से सींचें। सेवा कर बड़ा करें।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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