Kaal Bhairava Jayanti 2021: श्री कालभैरव धुन जपने से होता है कष्टों का अंत, आज से आप भी करें नियमित जाप

Kaal Bhairava Jayanti 2021: आज मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है और शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि आज के दिन ही भगवान काल भैरव प्रकट हुए थे। इसीलिए आज के दिन भगवान कालभैरव की अनेक रुपों में पूजा की जाती है। भगवान कालभैरव को भगवान शिव का ही प्रचंड रुप माना जाता है और कहा जाता है कि भैरव रुप में भगवान भोलेनाथ के 64 स्वरुप हैं। वहीं कहा जाता है कि जिस व्यक्ति पर बाबा कालभैरव प्रसन्न हो जाते हैं, उसकी समस्त परेशानियां दूर हो जाती हैं और वह व्यक्ति संसार के सभी सुखों को भोगकर अंत में शिवलोक को ही प्राप्त होता है। वहीं बहुत से लोग प्रतिदिन अपने घर और परिवार में भगवान कालभैरव की धुन को नियमित रुप से सुनकर और जाप करते हैं, जिससे उनके दुख और क्लेश का नाश हो जाता है। तो आइए आज कालभैरव जयंती के अवसर पर हम लोग भी भगवान कालभैरव की धुन को पढ़कर उसका जाप करें, जिससे हमारे जीवन में चल रहे दुख और संकटों का भी नाश हो जाए।
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।।श्री कालभैरव धुन।।
काल भैरवाय नम: काल भैरवाय नम:
काल भैरवाय नम: काल भैरवाय नम:
मात कालका के पूत जय जगद्धुरन्धर:
काशिकापुराधिनाथ काल भैरवाय नम:
काल भैरवाय नम: काल भैरवाय नम:
काल भैरवाय नम: काल भैरवाय नम:
तीन नेत्र पाल क्षेत्र भूतनाथ नम: नम:
काल हूँ के काल महा भूपाल नम: नम:
काल भैरवाय नम: काल भैरवाय नम:
काल भैरवाय नम: काल भैरवाय नम:
द्वारपाल शंभु के सुकर्म कीर्ति दायक:
ध्याये दास दुर्गेश नाथ नित्य प्रातः
काल भैरवाय नम: काल भैरवाय नम:
काल भैरवाय नम: काल भैरवाय नम:
जय देव जय देव जय देव जय देव
जय देव जय देव जय देव जय देव
काल भैरवा की धुन ये गाये नित्य जो नर:
फेर फंद काटे उसके भूतसंघनायका!!
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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