Kaal Bhairava Jayanti 2021: काल भैरव अष्टमी पर बाबा को प्रसन्न करने के लिए करें ये अचूक उपाय और मंत्र का जाप

इस बार ये पर्व 27 नवंबर, शनिवार को है। भगवान कालभैरव को तंत्र का देवता माना गया है। तंत्र शास्त्र के अनुसार,किसी भी सिद्धि के लिए भैरव की पूजा अनिवार्य है। इनकी कृपा के बिना तंत्र साधना अधूरी रहती है। इनके 52 रूप माने जाते हैं। इनकी कृपा प्राप्त करके भक्त निर्भय और सभी कष्टों से मुक्त हो जाते हैं। कालभैरव जयंती पर कुछ आसान उपाय कर आप भगवान कालभैरव को प्रसन्न कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं उनके मंत्र और उपायों के बारे में...
काल भैरव को प्रसन्न करने के उपाय
1. काल भैरव अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद कुश के आसन पर बैठ जाएं। सामने भगवान काल भैरव की तस्वीर स्थापित करें व पंचोपचार से विधिवत पूजा करें। इसके बाद रूद्राक्ष की माला से उनके मंत्र का कम से कम पांच माला जाप करें तथा भैरव महाराज से सुख-संपत्ति के लिए प्रार्थना करें।
मंत्र
'ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:'
2. कालभैरव अष्टमी पर किसी ऐसे भैरव मंदिर में जाएं, जहां कम ही लोग जाते हों। वहां जाकर सिंदूर व तेल से भैरव प्रतिमा को चोला चढ़ाएं। इसके बाद नारियल, पुए, जलेबी आदि का भोग लगाएं। मन लगाकर पूजा करें। बाद में जलेबी आदि का प्रसाद बांट दें। याद रखें कि अपूज्य भैरव की पूजा से ही भैरवनाथ विशेष प्रसन्न होते हैं।
3. कालभैरव अष्टमी को भगवान कालभैरव की विधि-विधान से पूजा करें और उनके किसी भी एक मंत्र का कम से कम 11 माला जाप करें।
मंत्र
ॐ कालभैरवाय नम:।
ॐ भयहरणं च भैरव:।
ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।
ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्
4. वहीं उज्जैन स्थित अवंतिका तीर्थ के पुरोहित पंडित शिवम जोशी के अनुसार, बाबा का आशीर्वाद पाने के लिए आप कालभैरव अष्टमी के दिन सुबह के समय भगवान कालभैरव की उपासना करें और शाम के समय सरसों के तेल का दीपक लगाकर समस्याओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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