Kalashtami 2020: जानिए काल भैरव जयंती की तिथि, पूजा विधि और उपाय

Kalashtami 2020: जानिए काल भैरव जयंती की तिथि, पूजा विधि और उपाय
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Kalashtami 2020: हर साल मार्गशीर्ष माह में कृष पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन काल भैरव जयंती मनाई जाती है। इसे कालाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि कृष्ण अष्टमी के दिन भगवान शिव अपने भैरव स्वरुप में प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान शिव के काल भैरव स्वरुप की पूजा करने की परंपरा है।

Kalashtami 2020: हर साल मार्गशीर्ष माह में कृष पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन काल भैरव जयंती मनाई जाती है। इसे कालाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि कृष्ण अष्टमी के दिन भगवान शिव अपने भैरव स्वरुप में प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान शिव के काल भैरव स्वरुप की पूजा करने की परंपरा है। काल भैरव भगवान शिव का पांचवा अवतार माने गए हैं। काल भैरव जयंती के दिन भगवान काल भैरव की विधिवत पूजा से उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है। तो आइए जानते हैं साल 2020 काल भैरव जयंती, शुभ तिथि, पूजा विधि और उपाय के बारे में।

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काल भैरव जयंती 2020

साल 2020 काल भैरव जयंती 7 दिसंबर 2020, दिन सोमवार को मनाई जाएगी।

अष्टमी तिथि प्रारंभ: 07 दिसंबर 2020, शाम 06:47 बजे से।

अष्टमी तिथि समाप्त: 08 दिसंबर 2020, शाम 05:17 बजे।

काल भैरव जयंती पूजा विधि

भगवान काल भैरव शिव के रौद्र अवतार हैं इसलिए इस दिन भगवान शिव के काल भैरव स्वरुप के साथ ही शिव- पार्वती की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। प्रात:काल स्नान करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति चौकी पर स्थापित करें और उनका विधिवत पूजन करें। इसके बाद काल भैरव को काले तिल, उड़द, सरसों का तेल, अबीर, गुलाल, चावल,फूल, सिन्दूर और नीले रंग के पुष्प अर्पित करें। इसके बाद भगवान भैरव नाथ की व्रत कथा पढ़ें। इस दिन बहुत से लोग उपवास भी रखते हैं। काल भैरव जयंती के दिन रात्रि में पूजा करने से मनोकामना पूरी होती हैं। क्योंकि भैरव बाबा को तांत्रिक देवता भी कहा जाता है। इसलिए इनकी पूजा रात में करने का विधान है।

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काल भैरव जयंती उपाय

मान्यता है कि काल भैरव जयंती के दिन किए जाने वाले उपाय बहुत ही फलदायी होते हैं। और इनकी पूजा करने से किसी भी चीज का भय नहीं रहता है तथा जीवन में समृद्धि आती है।

  • काल भैरव जयंती पर भगवान भैरव को प्रसन्न करने के लिए काले कुत्ते को मीठी रोटी बनाकर खिलाएं। इससे भगवान भैरव और शनिदेव की कृपा भी आपको प्राप्त होती है।
  • इस दिन भगवान भैरव नाथ की पूजा के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
  • कालाष्टमी के दिन 21 बिल्वपत्र 'ऊँ नम: शिवाय' का जप करते हुए शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे भगवान भैरव प्रसन्न होकर भक्तों को सफलता का आशीर्वाद देते हैं।
  • कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव को सिन्दूर, सरसों का तेल, नारियल, चना आदि में से कोई भी एक चीज जरुर चढ़ाएं। और सरसों के तेल का दीपक उनके सामने जरुर जलाएं।
  • काल भैरव जयंती के दिन किए गए ये उपाय बहुत ही फलदायी माने जाते हैं।

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