कनकधारा मंत्र दिलाता है कर्ज से मुक्ति, आप भी जानें

मनुष्य हमेशा अपने जीवन में आर्थिक तंगी को लेकर परेशान रहता है। धन प्राप्ति के लिए व्यक्ति प्रत्येक समय हरसंभव उपाय करता रहता है। और अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए व्यक्ति को कभी-कभी कर्ज भी लेना पड़ जाता है। और कई बार व्यक्ति समय पर उस कर्ज को चुका भी देता है। लेकिन कई बार जीवन में ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं। जिसके कारण वह व्यक्ति समय पर कर्ज नहीं चुका पाता है। जिसकी वजह से उसे और उसके पूरे परिवार को अपमान सहन करना पड़ता है। और लोगों के ताने भी सुनने पड़ते हैं। इसी तरह से कई बार आप अपनी मेहनत की कमाई किसी पर विश्वास करके उसे दे देते हैं। और फिर वह व्यक्ति उन पैसों को आपको वापस नहीं देता है, तो इसके कारण संबंध तो टूटते ही हैं, साथ ही वह व्यक्ति आपका शत्रु भी बन जाता है। फिर चाहे वह आपका रिश्तेदार हो अथवा मित्र हो या कोई और व्यक्ति हो। अगर इस तरह की समस्या से आप घिरे हैं तो अपना धन प्राप्त करने के लिए या कर्ज चुकाने के लिए हिन्दू पुराणों में वर्णित कनकधारा मंत्र का आप चमत्कारिक रूप से आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस मंत्र की विशेषता यह है कि अगर आपने कर्ज लिया है तो कर्ज चुकाने की क्षमता आपके अंदर आ जाती है। और अगर आपने अपना धन किसी को दिया है तो वह आपका आपको धन लौटाने के लिए बाध्य हो जाता है। इसके अलावा माता कनकधारा लक्ष्मी जी की कृपा आप के ऊपर हमेशा के लिए बनी रहती है। तो आइए जानते हैं कि माता कनकधारा मंत्र का अभ्यास कैसे करें।
स्नान करके स्वच्छ और ढीले वस्त्र धारण करके किसी भी आसन में आप बैठ जाएं। जो लोग जमीन पर नहीं बैठ सकते ऐसे लोग कुर्सी अथवा सोफा आदि पर बैठ जाएं।
सबसे पहले दस बार सामान्य रूप से प्राणायाम करें। लंबी-गहरी सांस लें और छोड़े।
प्राणायाम करने के बाद फिर अपने आज्ञाचक्र (दोनों आंखों के मध्य) ध्यान करते हुए कनकधारा मंत्र का पाठ करें।
कनकधारा मंत्र
।।ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कनकधाराये ह्रीं स्वाहा।।
आप इस मंत्र का उपांशु जाप करें। और आपको इस कनकधारा मंत्र का दस मिनट तक जाप करना है। तथा 41 दिन तक आपको नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करना है। ध्यान रहे कि दीपावली के दिन कनकधारा मंत्र का जाप करना बिलकुल भी ना भूलें।
कनकधारा मंत्र का जाप आप रूद्राक्ष की माला के अतिरिक्त किसी भी माला से आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। अथवा आप बिना माला के भी कनकधारा मंत्र का जाप कर सकते हैं।
मान्यताओं के अनुसार कनकधारा मंत्र बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है। और 41 दिन के बाद आप देखेंगे कि आपकी मनोकामनाएं पूरी होती चली जाएंगी।
ध्यान देने योग्य बातें
कनकधारा मंत्र बहुत ही पावर फुल माना जाता है। इसलिए इस मंत्र में पूर्णरूप से श्रद्धा रखें।
कनकधारा मंत्र के अभ्यास में आपको जैसे-जैसे सफलता मिलती जाएगी, वैसे वैसे आप अपने स्वभाव को बदलते चले जाइए।
कनकधारा मंत्र के अभ्यास में किसी आचार्य अथवा किसी गुरू से दीक्षा की जरुरत नहीं होती है।
कनकधारा मंत्र का अभ्यास आप दीपावली के दिन अथवा किसी भी माह में शुक्ल पक्ष के दौरान गुरुवार के दिन से आप प्रारंभ कर सकते हैं।
अगर आप गृहणी हैं या आप नौकरी आदि करते हैं अथवा दुकान या कोई कारोबार करते हैं तो कनकधारा मंत्र का जाप पूर्व दिशा की ओर मुख करके करना उत्तम माना जाता है।
अगर आप ग्लैमर दुनिया में हैं, मीडिया में हैं, कला के क्षेत्र में आप काम करते हैं, आग्नेय क्षेत्र में हैं तो कनकधारा मंत्र का जाप आप पश्चिम दिशा की ओर मुख करके करें।
अगर आप मेडिकल क्षेत्र में हैं या विद्यार्थी हैं अथवा किसान हैं, तो कनकधारा मंत्र को आप उत्तर दिशा की ओर अपना मुख करके जाप करें।
अगर आप लुहार, तेल, सरकारी क्षेत्र, समाजसेवा से जुड़े क्षेत्रों में हैं तो आप दक्षिण दिशा की ओर अपना मुख करके कनकधारा मंत्र का जाप करें।
कनकधारा मंत्र का जाप 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद कोई भी स्त्री अथवा पुरूष कर सकता है।
महिलाएं मासिक धर्म के दौरान गैप करके कनकधारा मंत्र का जाप कर सकती हैं।
ध्यान रखें कि जब भी आप किसी अच्छे कार्य की शुरूआत करते हैं अथवा संकल्प करते हैं तो तुरंत कोई ना कोई अड़चनें आनी शुरू हो जाती हैं। इसलिए प्रबल संकल्प के साथ कनकधारा मंत्र का अभ्यास शुरू करें। और कनकधारा मंत्र का दीपावली के दिन जाप करना बिलकुल भी ना भूलें।
कनकधारा मंत्र सूर्यास्त के बाद जाप करने से बहुत ज्यादा शक्तिशाली प्रभाव दिखाता है।
अभ्यास समाप्त होने के बाद अश्वनी मुद्रा अवश्य अपनाएं। यह मुद्रा आपको ब्रह्चर्य का पालन करने में मदद करती है।
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