Kartik Maas 2021: कार्तिक मास कब से शुरु हो रहा है, जानें इस पवित्र माह में स्नान की विधि, नियम और दान का महत्व

Kartik Maas 2021: भारतीय संस्कृति के अनुसार, सभी महिनों का कोई ना कोई खास महत्व होता है, लेकिन कार्तिक मास की महिमा बहुत ज्यादा बताई गई है। इस साल कार्तिक मास 21 अक्टूबर 2021, दिन गुरुवार से प्रारंभ हो रहा है और 19 नवंबर 2021, दिन शुक्रवार को समाप्त होगा। कार्तिक मास के महत्व को हमारे पुरातन संस्कृति में विस्तार से बताया गया है। सतयुग के समान कोई युग नहीं है, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है, गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं है और कार्तिक मास के समान कोई अन्य मास नहीं है। वहीं कार्तिक मास में गंगास्नान कैसे करना चाहिए अथवा घर पर ही आप स्नान कैसे करें।
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कार्तिक मास में यमुना नदी अथवा किसी पवित्र नदी में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने का बहुत महत्व होता है। इस पावन पुण्यदायनी मास में घर की महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं। वहीं स्नान कुंवारी और शादीशुदा महिलाओं के लिए विशेष शुभ माना गया है। यदि आप किसी नदी अथवा तालाब या जलाश्य में स्नान करने के लिए नहीं जा सकते हैं तो घर में आपको एक उपाय करना है।
घर में आप जिस बाल्टी या पानी से स्नान कर रहे हैं उसमें गंगाजल की कुछ बूंदें डालकर अपने दोनों हाथों की हथेलियों को रगड़ें और साथ में 'ऊँ पंच वक्राय महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रा प्रचोदयात' मंत्र का जाप करें और मन ही मन भावना करें कि हमारा शरीर तेज हो रहा है, प्रकाशवान हो रहा है और हमारे अंदर जो सारी नेगेटिविटी हैं, वो सब समाप्त हो रही हैं। यदि आप नदी के किनारे स्नान करने में असर्मथ हैं तो आप घर पर यही उपाय कर सकते हैं।
वहीं कार्तिक मास में आपकी कोई भी इच्छा है और आप उसे पूर्ण करना चाहते हैं तो आप इस पवित्र मास में तुलसी की पूजा अवश्य करें। सनातन संस्कृति में तुलसी के पौधा को बहुत ही पवित्र माना जाता है। तुलसी की पूजा तो हम पूरे साल करते हैं, लेकिन कार्तिक मास में तुलसी की पूजा करने से हमारी इच्छाएं पूरी होती हैं।
वहीं दूसरी ओर तुलसी हमें यमदूतों के भय से मुक्ति प्रदान करती है। कार्तिक मास में पूरे एक महिने तक तुलसी के सामने दीया दिखाने से व्यक्ति की सभी इच्छा पूरी होती हैं। वहीं कार्तिक मास में दीपदान का बहुत ही महत्व है।
इस पूरे मास में प्रतिदिन किसी पवित्र नदी या तीर्थस्थल पर या किसी घर में तुलसी के पास दीपदान करना चाहिए। वहीं दीपदान शरद पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक प्रतिदिन करना चाहिए। वहीं दीपदान से घर का ही नहीं बल्कि जीवन का भी अंधेरा दूर होता है और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
वहीं प्रत्येक मास की तरह कार्तिक मास में कुछ चीजों का दान का महत्व बहुत ही ज्यादा होता है। कार्तिक मास में तुलसीदान, अन्नदान, गाय दान और आंवले के पौधे के दान का विशेष महत्व होता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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