Karva Chauth Sargi 2023: करवा चौथ पर क्या है सरगी खाने का मुहूर्त, कैसे हुई इसकी शुरुआत, जानें परंपरा

Karva Chauth Sargi 2023: करवा चौथ का व्रत कल यानी 1 नवंबर को देशभर में रखा जाएगा। इस व्रत की शुरुआत सुबह की सरगी से होती है। महिलाएं करवा चौथ का व्रत पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। शाम को सूरज के ढलने से पहले करवा माता की कथा सुनी जाती है और चंद्रमा को अर्घ्य देकर यह व्रत पूरा होता है। करवा चौथ के व्रत में सरगी का विशेष महत्व होता है। करवा चौथ के व्रत में सेहत का ध्यान रखते हुए सुबह के वक्त सास या घर की बड़ी बहू छोटी बहू को खाने की कुछ चीजें देती हैं, जिसे सरगी कहा जाता है।
करवा चौथ का व्रत सास की सरगी से शुरू होता है
करवा चौथ वाले दिन सुबह-सुबह सास अपनी बहू के लिए सरगी बनाती हैं। सरगी का सेवन सूर्य उगने से पहले यानी 4 से 5 बजे के बीच में कर लेना चाहिए। सुबह के वक्त सरगी खाने से महिलाएं पूरा दिन एनर्जेटिक रहती हैं, लेकिन अगर किसी की सास नहीं है, तो घर की बड़ी महिला अपनी बहू के लिए सरगी तैयार कर सकती है। इस साल करवा चौथ की सरगी खाने का सही समय सुबह 4 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। सरगी खाने का यह समय काफी सर्वोत्तम है।
सरगी की यह पौराणिक कथा
करवा चौथ में सरगी का विशेष महत्व होता है। इस दिन माता पार्वती ने करवा चौथ का व्रत रखा था। माता पार्वती की सास नहीं थी, यही कारण है कि माता मैना ने ही माता पार्वती के लिए सरगी भेजी थी। इसी वजह से शादी के पहले साल में मायके से सरगी भेजने की परंपरा है। वहीं, अन्य कथाओं के अनुसार, जब द्रौपदी ने पांडवों के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था, तब उनकी सास माता कुंती ने सरगी दी थी। यही कारण है कि मायका और ससुराल से सरगी की परंपरा शुरू हुई है।
इस तरह से सजाएं सरगी की थाली
सरगी की थाली में ऐसी चीजों को जरूर रखना चाहिए, जिनसे सारा दिन एनर्जी रहे। सरगी की थाली में ऐसे फल होने चाहिए, जिसमें सबसे ज्यादा फाइबर होता हो। इसके साथ ही, कम कैलोरी वाले ड्राई फ्रूट्स, मिठाई के साथ नारियल पानी, सेवई और दूध भी रखना चाहिए।
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