Karwa Chauth 2020 Kab h : करवा चौथ पर इस विधि से करें चंद्रमा का पूजन, मिलेगा पति की लंबी उम्र का वरदान

Karwa Chauth 2020 Kab h : करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Vrat) चंद्रमा की पूजा के बिना अधूरा माना जाता है। इस दिन सभी सुहागन स्त्रियां चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार करती हैं और चंद्रमा की पूजा (Chandrama Ki Puja) करने के बाद अपने पति का चेहरा देखकर ही करवा चौथ के व्रत का पारण करती हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि आपको करवा चौथ के दिन चद्रमा की पूजा किस प्रकार से करनी चाहिए। जिससे आपका करवा चौथ का व्रत पूर्ण हो सके। यदि आपको करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा की सही विधि नहीं पता है तो हम आपको आज इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा संपूर्ण विधि।
करवा चौथ पर चंद्रमा पूजन की विधि ( Karwa Chauth Par Chandrama Pujan Ki Vidhi)
1. करवा चौथ पर चौथ माता की पूजा करने के बाद और करवा चौथ की कथा सुनने के चंद्रमा की पूजा की जाती है।
2.चंद्रमा की पूजा से पहले चंद्र देवता का आह्वाहन अवश्य करें और चंद्र पूजा के लिए एक अलग से थाली लें। उस थाली में पलाश के पत्ते रखें और चांदी का एक सिक्का भी रखें।
3.चांदी का सिक्का रखने के बाद सभी पर गंगाजल छिड़कें और चांदी की ही कटोरी में चंदन लेकर चांदी के सिक्के पर लगाएं।
4.इसके बाद चांदी के सिक्के पर कुमकुम लगाएं उसके बाद अक्षत और सफेद पुष्प चढ़ाएं और उस थाली को धूप दिखाएं और सफेद रंग का कपड़ा भी उस थाली में रखें।
5. इसके बाद उस थाली में दूध से बनी मिठाई को रखें। मिठाई के बाद उस थाली में जनेऊ भी रखें और दो तांबूल पत्र में लौंग और सुपारी लेकर चढ़ाएं। अंत में उस थाली में दक्षिणा रखें।
6. करवा चौथ पर चंद्र पूजन करने के लिए गाय के दूध और चावल को करवे अंदर पानी में मिलाएं। इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें और छलनी में रखने के दूसरा दीपक जलाएं।
7.उसके बाद पूजा की थाली को चंद्र देवता के आगे घूमाएं। इसके बाद छलनी से चंद्रमा को देखें और उसके तुरंत बाद ही अपने पति का चेहरा देखें।
8.इसके बाद छलनी में रखने के लिए दूसरा दीपक जलाएं और पूजा की थाली में से हल्दी लेकर पति के माथे पर लगाएं।
9.पति को हल्दी लगाने के बाद चावल के चार दाने लेकर पति के माथे पर लगाएं। पूजा करने के बाद इसमें से कुछ प्रसाद पति को भी खिलाएं।
10. इसके बाद एक रक्षासूत्र को पत्नी अपने पति के हाथ की कलाई पर बांध दे और पति अपनी पत्नी के पति अपनी पत्नी के बाएं हाथ पर दूसरा रक्षासूत्र बांध दे।अंत में पूजा की थाली अपनी सास को देकर उनके पैर अवश्य छूएं।
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