karwa Chauth 2020 : जानिए करवा चौथ पर छलनी से क्यों देखा जाता है चांद और पति का चेहरा

karwa Chauth 2020 : जानिए करवा चौथ पर छलनी से क्यों देखा जाता है चांद और पति का चेहरा
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karwa Chauth 2020 : करवा चौथ का पर्व 4 नवंबर 2020 (karwa Chauth Festival 4 November 2020 ) को मनाया जाएगा। इस दिन सुहागन महिलाएं रात के समय छलनी से चंद्रमा को देखती हैं और अर्घ्य देकर अपना करवा चौथ का व्रत (karwa Chauth Vrat) पूर्ण करती हैं। चंद्रमा को छलनी से देखने के बाद वह अपने पति का चेहरा भी इसी छलनी से देखती हैं। लेकिन करवा चौथ पर आखिर ऐसा क्यों किया जाता है आइए जानते हैं...

karwa Chauth 2020 : करवा चौथ (karwa Chauth) के दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और चौथ माता (Chauth Mata)की पूजा करती हैं। इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत पूर्ण करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन चंद्रमा को छलनी से देखने के बाद उसी छलनी से पति का चेहरा क्यों देखा जाता है। अगर नहीं तो हम आज आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं करवा चौथ पर छलनी से क्यों देखा जाता है चांद और पति का चेहरा।

करवा चौथ पर क्यों किया जाता है छलनी का प्रयोग (karwa Chauth Per Kyu Kiya Jata Hai Chalni Ka Pryog)

हिंदू धर्म के अनुसार करवा चौथ पर सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए चौथ माता की पूजा करती हैं। इसके साथ ही छलनी से चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। करवा चौथ का व्रत एक सुहागन स्त्री के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। यह व्रत करके पत्नि अपने पति के प्रति अपने प्रेम भाव को दर्शाती है और भगवान से अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।

करवा चौथ पर छलनी से चांद को अर्घ्य देना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। पुराणों के अनुसार चंद्रमा को दीर्घायु देने वाला कारक माना जाता है साथ ही चांद सुंदरता और प्रेम का भी प्रतिबिम्ब है। इसी वजह से करवा चौथ के दिन सुहागने छलनी से पहले चांद और फिर अपने पति का चेहरा देखती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। छलनी का प्रयोग आटा या अन्य तरह की चीजों को छानने के लिए किया जाता है।

छलनी से छलने के बाद किसी भी वस्तु की अशुद्धियां अलग हो जाती हैं। इसी कारण से करवा चौथ के मौके पर छलनी से ही चांद देखा जाता है। छलनी से चांद को देखकर पति की दीर्घायु और सौभाग्य में बढ़ोतरी की प्रार्थना की जाती है। करवा चौथ के लिए विशेषतौर पर नई छलनी खरीदी जाती है। जिसके बाद छलनी की पूजा भी की जाती है। यदि आप करवा चौथ पर पुरानी छलनी का प्रयोग करती हैं तो उसे अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें। इसके बाद ही इसे पूजा में इस्तेमाल करना चाहिए।

इसके अलावा एक पौराणिक कथा के अनुसार चन्द्रमा को भगवान शिव से लम्बी आयु का वरदान मिला हुआ है। इसलिए ही इस दिन महिलाएं चौथ का चांद छलनी से देखकर उनसे प्रार्थना करती है कि हे चन्द्रदेव कृपा करके अपने समस्त गुणों के साथ हमारे पति को लम्बी उम्र का वरदान दें। ऐसी मान्यता है कि चन्द्रमा को छलनी से देखने पर व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है और पति को लम्बी उम्र का वरदान मिलता है।

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